-32 करोड़ से 68 चौराहों पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल में 90 परसेंट खराब, जांच के आदेश के साथ मांगी गई रिपोर्ट
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KANPUR: सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार के लिए केडीए ने 32 करोड़ की लागत से 68 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(आईटीइएमएस) से लैस किया था। लगने के बाद से ही ये सभी ट्रैफिक सिग्नल विभागों के बीच विवाद का कारण बन गए और अब आलम ये है कि 90 परसेंट सिग्नल शटडाउन हो चुके हैं। थर्सडे को नगर निगम मुख्यालय में चीफ इंजीनियर कैलाश सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग हुई, जिसमें सभी सिग्नल की जांच के आदेश के साथ ही कमेटी से फ्राइडे तक रिपोर्ट मांगी गई है। मीटिंग में एसपी ट्रैफिक बंसत लाल, बीएसएनएल और ओनिक्स के अधिकारी भी मौजूद रहे।
सड़क पर लगे सिग्नल
मीटिंग में ट्रैफिक पुलिस के आरआई ने कहा कि सभी सिग्नल फुटपाथ की जगह सड़कों पर लगा दिए हैं। इसकी वजह से ट्रैफिक संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं ज्यादातर चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल ही होर्डिग की आड़ में छिप गए हैं। इस पर चीफ इंजीनियर ने कहा कि अभियान चलाकर सभी होर्डिग हटाए जाएंगे। वहीं बीएसएनएल अधिकारियों के मुताबिक उन्हें पिछले एक साल से मेंटेनेंस का पेमेंट ही नहीं किया गया है। यही हाल आईटीएमएस लगाने वाली कंपनी ओनिक्स के अधिकारियों ने भी बयां किया।
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केडीए दें बिल पेमेंट
सिटी में केस्को ने 15 चौराहों पर प्रीपेड मीटर लगाए हैं। लेकिन मीटर रीचार्ज न होने से ज्यादातर सिग्नल बंद पड़े हैं। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि मीटर का बिल केडीए को देना है। नगर निगम के पास सिर्फ मेंटेनेंस का काम है।
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सभी 68 चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल की जांच के लिए कहा है। आज ही रिपोर्ट मांगी है। कमेटी में ट्रैफिक, बीएसएनएल, ओनिक्स और नगर निगम के जेई को रखा गया है। रिपोर्ट आने के बाद समस्याओं को दूर किया जाएगा।
-कैलाश सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम।