कानपुर (ब्यूरो) मऊनखत में बस्ती के बाहर ककऊदेव बाबा का मंदिर है। इसी के पास टीले में वेडनसडे सुबह महिलाएं खुर्पी व फावड़ा से मिट्टी खोदाई कर रही थीं। इस टीले की मिट्टी का इस्तेमाल लोग घरों की लिपाई पुताई में करते हैं। दीपावली के चलते बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यहां मिट्टी लेने के लिए पहुंचे थे। खोदाई का ये सिलसिला काफी दिनों से जारी था, जिसके चलते टीले का ऊपरी हिस्सा काफी लटक गया था। वेडनसडे को अचानक टीला धंस गया। इससे खोदाई कर रहे नौ लोग दब गए। हादसे के बाद तुरंत सूचना पर पहुंची पुलिस ने मिट्टे में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू किया।
जेसीबी की मदद से
पुलिस ने जेसीबी बुलवाकर ऊपर की मिट्टी हटवाई। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से सभी को निकाला गया। एंबुलेंस के जरिए उन्हें घाटमपुर सीएचसी भेजा गया। सीएचसी में डॉक्टरों ने मऊनखत निवासी 70 साल की रमादेवी व उनकी बहू 36 साल की अनीता को मृत घोषित कर दिया। वहीं, हादसे में टिकवांपुर निवासी जगदीश प्रसाद की पत्नी 62 साल की भोली देवी, भोली की नातिन 13 साल की अंजली, मोहल्ले के छोटेलाल की पत्नी 55 साल की सुकीर्ति, राजू की पत्नी 40 साल की राधा, 65 साल की सितलू, 35 साल की गुडिय़ा, मुल्लू का 18 साल का बेटा चुल्लू घायल हो गए। सीएचसी से गंभीर हालत को देखते हुए भोली देवी, राधा, गुडिय़ा को हैलट अस्पताल रेफर किया गया है।
फरिश्ता बने वीर ङ्क्षसह और अनूप
टीला धंसने के बाद तुरंत शुरू हुए रेस्क्यू अभियान के चलते सात लोगों की जान बचाई जा सकी। एक घंटे के अंदर सबको निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। इसमें मऊनखत निवासी वीर ङ्क्षसह व अनूप की वजह से लोगों को जल्दी से जल्दी निकाला जा सका। घटनास्थल पर सबसे पहले वही दोनों पहुंचे। अनूप ने फोन से ग्रामीणों को जानकारी दी और दोनों ने तुरंत लोगों को निकालना शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पास ही काम कर रहे बुल्डोजर को बुलवाया और दबे लोगों को निकालने का काम शुरू किया।