- दो महिलाओं की तलाश में जाजमऊ, बेकनगंज और मछरिया में सुरागरसी
- मिनहाज, मसीरुद्दीन समेत 5 की गिरफ्तारी के बाद उमर हलमंडी की तलाश
kanpur : एक्यूआईएस के माड्यूल गजावत-उल- हिंद को क्रैक करने में लगी सिक्योरिटी एजेंसीज ने एक बार फिर कानपुर का रुख किया है। दरअसल एनआईए और एटीएस उमर हलमंडी का कनेक्शन तलाश रही है, साथ ही दो आईएसआईएस की महिला एजेंटों की जानकारी भी एजेंसियों को मिली थी। ट्यूजडे दोपहर दो बजे तक उन्नाव में आतंकियों के कनेक्शन खंगालने के बाद टीम ने कानपुर पहुंची। कानपुर में पहले जाजमऊ के टीले वाली मस्जिद के पास कुछ लोगों से बात की। इसके बाद टीम दो भागों में बंट गई। एक टीम बेकनगंज, चमनगंज तो दूसरी टीम आवास विकास और मछरिया की तरफ पहुंची।
इनपुट पर काम कर रही एनआईए
एसटीएफ ने लखनऊ से दो जुलाई को मिनहाज और मसीरुद्दीन को अरेस्ट किया था। इनके पास से कुकर बम और जिलेटिन की छड़ें मिली थीं यानी धमाके की योजना थी। मानव बम की बात भी सामने आई थी। 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान एसटीएफ ने शकील समेत तीन मददगारों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 14 दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद एसटीएफ ने पांचों को जेल भेज दिया था। गृह मंत्रालय के आदेश पर इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।
किसी बड़े ऑपरेशन की तैयारी
दरअसल कानपुर में जो इनपुट मिला था वो एक्यूआईएस के गजावत-उल- हिंद माड्यूल के कमांडर उमर हलमंडी का था। साथ ही कुछ रक्षा प्रतिष्ठानों के नक्शे भी मिले थे। देश में 15 अगस्त शांति से निपटने के बाद एक बार फिर एनआईए ने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं। ये नक्शे क्यों बनाए गए थे? इसकी गुत्थी सुलझाने में एनआईए की टीम लगी है। जाजमऊ निवासी एनआईए के एक पुराने इनफार्मर की माने तो टीम गुपचुप तरीके से किसी बड़े ऑपरेशन की तैयारी में हैं।