कानपुर (ब्यूरो)। साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने मामले में आईबी व एटीएस के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को एनआईए ने घटनास्थल के निरीक्षण के बाद सेंट्रल स्टेशन पहुंचकर ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड के बयान दर्ज किए। वहीं, पुलिस ने इस मामले में रेल पटरियों में आए रगड़ के निशानों से सुराग तलाशने की कोशिश की है। पुलिस ने पटरियों के क्षतिग्रस्त हिस्से की गहनता से जांच की और कुछ फोटो फॉरेंसिक टीम को लखनऊ भेजी हैं।
16 अगस्त को हुआ था हादसा
कानपुर-झांसी रूट पर पनकी में 16 अगस्त की रात करीब ढाई बजे साबरमती एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी। करीब सात सौ मीटर रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ था। लोको पायलट एसपी ङ्क्षसह बुंदेला ने सबसे पहले दावा किया था कि ट्रैक पर कोई भारी वस्तु देखकर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, लेकिन ट्रेन उस वस्तु से टकरा गई, जिससे दुर्घटना हुई। मौके से पटरी का तीन फीट लोहे का टुकड़ा और क्लैंप मिलने के बाद आशंका जताई गई कि कहीं रेल पटरी को क्लैंप की मदद से बांधकर ट्रेन पलटाने की कोशिश तो नहीं थी। इस मामले में एटीएस और आईबी पहले से ही जांच कर रही हैं। पनकी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें एसआइटी गठित कर जांच हो रही है.
तीन सदस्य की टीम पहुंची थी स्टेशन
लखनऊ से आई फॉरेंसिक टीम ने दो दिन पहले जांच की थी। गुरुवार को एनआईए की तीन सदस्यीय टीम सेंट्रल स्टेशन पहुंची। लोको पायलट एसपी ङ्क्षसह बुंदेला और गार्ड सुबोध तिवारी से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। घटनास्थल का जायजा लिया और कुछ महत्वपूर्ण फोटो भी ली हैं। वहीं, फॉरेंसिक टीम के अनुरोध पर पुलिस ने ट्रैक से हटाई गई रेल पटरी को दोबारा देखा। ट्रैक में रगड़ की फोटो खींचीं। ये फोटो फॉरेंसिक जांच के लिए लखनऊ भेजी गई हैं।
एटीएस को भी नहीं मिले षड्यंत्र के सुराग
दुर्घटना के तत्काल बाद मौके पर पहुंची एटीएस को अब तक षड्यंत्र के एंगल से कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिली है। जांच एजेंसी पिछले तीन दिनों से केवल मोबाइल सर्विलांस पर काम रही है और इस दिशा में भी उन्हें कुछ विशेष हासिल नहीं हुआ है.