कानपुर (ब्यूरो)। केडीए बोर्ड के ग्र्रीन सिग्नल के बावजूद मास्टर प्लान 2031 अब तक शासन से पास नहीं हो सका है। इसकी वजह से एयरपोर्ट के पास प्रपोज्ड केडीए की बिजनेस सिटी हाउसिंग स्कीम फंस गई है। क्योंकि मौजूदा समय में लागू मास्टर प्लान 2021 में इस स्कीम के लिए प्रपोज्ड जमीन का लैंडयूज एग्र्रीकल्चर है। हालांकि बिजनेस सिटी डेवलप किए जाने की प्लानिंग की वजह से ड्राफ्ट मास्टर प्लान-2031 में इसका लैंडयूज रेजीडेंशियल व मिक्सयूज लैंड कर दिया गया है। पर नया मास्टर प्लान शासन से पास न होने के वजह से केडीए ने भी कदम पीछे खींच लिए हैं।
केडीए बोर्ड की मंजूरी
कानपुर का नया मास्टर प्लान जीआईएस बेस्ड तैयार किया गया है। पिछले वर्ष ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2031 तैयार हो गया था। पब्लिक के सजेशन व आब्जेक्शन को निस्तारित करते हुए तत्कालीन कमिश्नर डॉ। राजशेखर की अध्यक्षता में हुई केडीए बोर्ड की मीटिंग में मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी गई थी और शासन भेज दिया गया था। नए मास्टर प्लान में केडीए सीमा के 85, अकबरपुर के 58 गांवों की जमीन सहित टोटल 386 गांवों को शामिल किया गया। यह मास्टर प्लान 51 लाख की पापुलेशन के हिसाब से 58078 हेक्टेयर जमीन को शामिल करते हुए बनाया गया था। जबकि मौजूदा मास्टर प्लान 2021 को 42 लाख की पापुलेशन के मुताबिक 32080 हेक्टेयर लैंड पर तैयार किया गया था। केडीए बोर्ड से पास मास्टर प्लान 2031 में बिजनेस प्लान के प्रपोज्ड के लैंडयूज को एग्र्रीकल्चर से बदलकर रेजीडेंशियल व मिक्सयूज कर दिया गया था।
नए एयरपोर्ट से लगी हुई
एक वर्ष पहले केडीए ने जीटी रोड प्रयागराज हाईवे के एक ओर चकेरी, रूमा और कुलगांव की 1253 एकड़ पर बिजनेस सिटी हाउसिंग स्कीम लाने की तैयारी की थी। क्योंकि चकेरी में ही कानपुर एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बनाया जा रहा था। प्रपोज्ड स्कीम के नजदीक से कानपुर आउटर रिंग रोड को गुजारने का एलाइनमेंट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) ने किया था।
कॉमर्शियल प्लॉट्स भी
जीटी रोड, एयरपोर्ट और रिंगरोड से घिरी इस हाउसिंग स्कीम से केडीए वीसी आरके सिंह और अन्य ऑफिसर्स को बहुत उम्मीदें थीं। क्योंकि रिंग रोड से ही नया लखनऊ-कानपुर हाईवे भी जुडऩा है। इसी वजह से केडीए ऑफिसर्स ने इस स्कीम में रेजीडेंशियल प्लॉट्स और ग्र्रुप हाउसिंग के अलावा स्कूल-कालेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, हॉस्पिटल्स के लिए जमीन रखने और जीटी रोड साइड बड़ी संख्या में कॉमर्शियल प्लॉट्स भी निकालने की योजना बनाई थी। जिससे वेयरहाउस व लॉजिस्टक हब डेवलप किया जा सके। केडीए ऑफिसर्स का मानना था कि दो-दो हाईवे, रिंग रोड और एयरपोर्ट से बेहतर कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा।
कैसे बने डिजाइन, डीपीआर
केडीए के पूर्व वीसी अरविन्द सिंह ने चकेरी, रूमा व कुलगांव स्थित इस जमीन का टोटल स्टेशन सर्वे कराया था। सर्वे के बाद हाउसिंग स्कीम की डीपीआर और डिजाइन तैयार करने के लिए कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए टेंडर भी किया। इसी तरह 12.60 करोड़ से स्कीम के अंदर तक जाने के लिए रोड के भी टेंडर किए थे, लेकिन मास्टर प्लान 2031 अब तक पास नहीं हो सका है। पिछले वर्ष से नया मास्टर प्लान मंजूरी के लिए शासन में ही अटका हुआ है। इसी वजह से बिजनेस सिटी में रोड, डिजाइन व डीपीआर बनाने की कवायद ठंडे बस्ते बस्ते में चली गई।
पिछले वर्ष केडीए बोर्ड से मास्टर प्लान-2031 को मंजूरी मिलने के बाद शासकीय समिति के पास भेज दिया गया। समिति की मीटिंग न होने के कारण अब तक यह पास नहीं हो सका है।
आशुतोष श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर
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ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2031
एस्टीमेटेड पापुलेशन--51 लाख
टोटल एरिया--58078
रेजीडेंशियल-- 21269.37
ग्र्रीनबेल्ट, ओपेन-- 10970.92
ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट-- 7406.59
इंडस्ट्रियल-- 5145.20
कम्यूनिटी फैसिलिटीज-4762.85
कामार्शियल-- 1686.52
ऑफिस यूज-- 277.40
नोट: एरिया हेक्टेअर में हैं
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मास्टर प्लान 2021
एस्टीमेटेड पापुलेशन--42 लाख
टोटल एरिया -- 32080 हेक्टेयर
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बिजनेस सिटी
टोटल एरिया-- 1253 एकड़
इन गांवों की जमीन-- चकेरी, रूमा व कुलगांव
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