कानपुर(ब्यूरो)। हीमोग्लोबिन, आपके शरीर की रेड ब्लड सेल्स के जरिए खून की मात्रा को बताता है। हीमोग्लोबिन के कम होने से आपको कई तरह की बीमारियां एवं कमजोरी आने लगती है। अभी तक हीमोग्लोबिन की जांच करने के लिए खून की जरूरत होती थी, लेकिन अब इसका तोड़ हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने निकाल लिया है। कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। राशि अग्रवाल ने ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसमें फिंगर लगाते ही 15 सेकेंड के भीतर हीमोग्लोबिन डिवाइस से कनेक्ट स्क्रीन पर नजर आने लगेगा।

टाइनी एमएल पर काम करती
डॉ.राशि अग्रवाल ने बताया कि यह डिवाइस टाइनी मशीन लर्निंग (एमएल) टेक्नोलॉजी पर काम करती है। इसमें आठ तरह के बैंड, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम सेंसर (350 से 1000 एनएम) को लगाया गया है। इसमें टाइनी एमएल के जरिए कोड को ऑप्टिमाइज किया गया है। इसको एक आर्डिनो बोर्ड पर बनाया गया है। इस डिवाइस को बनाकर उसकी टेस्टिंग भी कर ली गई है, जिसमें डिवाइस ने 95 परसेंट करेक्ट रिजल्ट दिया है। इस डिवाइस का नाम नॉन इनवेसिव हीमोग्लोबिन मेजरिंग डिवाइस रखा गया है। इसकी कीमत 1200 रुपए है।

पीपीजी के जरिए पता लगता
यह डिवाइस फोटोप्लेथिस्मोग्राफी (पीपीजी) के जरिए हीमोग्लोबिन को बताती है। इस डिवाइस में एक लाल रंग की एलईडी लाइट लगी हुई है। उसमें फिंगर रखते ही लाइट स्किन, बोन मसल्स, वेनस ब्लड से होते हुए आर्टिरियल ब्लड तक पहुंचती है, जिससे हीमोग्लोबिन पता लगता है। इस डिवाइस के लिए डॉ। अग्रवाल ने एक ऐप बनाया है, जिसके जरिए यह मोबाइल या कंप्यूटर से कनेक्ट होता है।

कीमत कम करने के प्रयास
हीमोग्लोबिन लेवल बताने वाली डिवाइस को तो बना लिया गया है। अब इस डिवाइस को अपडेट किया जा रहा है। ऐसी टेक्नोलॉजी खोजी जा रही है, जिससे बिना खून निकले ब्लड शुगर भी पता लग जाए। इसके अलावा डिवाइस की कीमत को कम करने के लिए भी रिसर्च हो रही है। इस डिवाइस की एक्यूरेसी जानने के लिए कैंपस के 100 स्टूडेंट्स पर टेस्ट किया गया है। सभी का पहले एक प्राइवेट लैब से हीमोग्लोबिन चेक कराया गया और उसी दिन इस डिवाइस से भी हीमोग्लोबिन चेक हुआ। दोनों तरीकों की रिपोर्ट की तुलना करने पर डिवाइस ने 95 परसेंट करेक्ट रिजल्ट दिया।

मार्केट में लाने की तैयारी
बिना खून निकले हीमोग्लोबिन बताने वाली डिवाइस को बाजार में लाने की तैयारी है। एचबीटीयू के अटल इंक्यूबेशन हब के जरिए किसी स्टार्टअप के जरिए इसको बाजार में लाया जाएगा, जिससे पब्लिक को इसका बेनीफिट मिल सके। यह डिवाइस मेडिकल के क्षेत्र में कई तरह से फायदा देगी। इसमें सुई नहीं लगानी पड़ती, जिससे चेक कराने वाले को दर्द और सेप्टिक आदि से बचाव होगा। इसके अलावा थैलीसीमिया और एनीमिया के पेशेंट का हीमोग्लोबिन आसानी से घर पर ही चेक हो जाएगा, जिससे उनको रोज रोज सुई से मिलने वाले दर्द से मुक्ति मिलेगी।