भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आलोचना का शिकार होने के बाद आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने कहा कि उन्होंने सिडनी में कल त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला के मैच में सचिन तेंदुलकर के रन आउट के दौरान जानबूझकर उनका रास्ता नहीं रोका.
आस्ट्रेलिया ने कल 87 रन से जीत दर्ज की लेकिन चर्चा का विषय तेंदुलकर का रन आउट होना रहा. ली ने मैच के बाद ट्वीट किया,‘‘आस्ट्रेलिया की शानदार जीत, लडक़े काफी उत्साहित हैं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि मैंने महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का रास्ता जानबूझकर नहीं रोका जब वह रन के लिए भाग रहा था.’’
यह घटना ब्रेट ली के भारतीय पारी के सातवें ओवर की अंतिम गेंद पर उस सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर हुई जो 2008 में मंकीगेट प्रकरण का गवाह बन चुका है। गौतम गंभीर ने तेंदुलकर को एक रन के लिए बुलाया और वह रन के लिए दौड़ पड़े लेकिन डेविड वार्नर ने उन्हें रन आउट कर दिया। लेकिन यहां अहम बात यह रही कि जब तेंदुलकर रन पूरा करने के लिए दौड़ रहे थे ली उनके रास्ते में खड़े थे।
ली पिच पर गेंद की ओर दौड़े और फिर बीच में खड़े होकर वार्नर को प्वाइंट से सीधे थ्रो फेंकते हुए देखने लगे। गेंद के विकेट से टकराने पर तेंदुलकर ने हताशा में अपने हाथ हवा में उठा दिए और साफ कर दिया कि वह ली के उनका रास्ता रोकने से खुश नहीं हैं लेकिन स्क्वायर लेग पर खड़े अंपायर साइमन टोफेल और बिली बोडेन ने चर्चा के बाद बल्लेबाज के खिलाफ फैसला सुनाया।
धोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में ली को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज को तेंदुलकर के रास्ते में आने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं मानता कि आप इस बात को सही करार दे सकते हो कि ली प्वाइंट क्षेत्ररक्षक की तरफ जा रहा था। मैं नहीं मानता कि उसे तब वहां जाने और तेंदुलकर के आगे खड़े होने की जरूरत थी। इसका मतलब था कि तेंदुलकर को लंबा रास्ता तय करना पड़ा। उस रन आउट पर यह मेरा आकलन है.’’
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