नेपाल में पर्यटन मंत्री लोकेंद्र बिष्ट के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल हुआ ये कि मंत्रीजी मंगलवार को बिना जर्मन वीज़ा लगवाए ही आबू धाबी के रास्ते जर्मनी के लिए रवाना हो गए।
लेकिन आबू धाबी में जब अधिकारियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने नेपाली मंत्री को हिरासत में ले लिया और उन्हें जर्मनी जाने की अनुमति नहीं दी।
कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाई कि ये व्यक्ति वाकई नेपाल सरकार में मंत्री हैं। इसके बाद आबू धाबी में जर्मन दूतावास ने उन्हें वीजा जारी किया।
दो दिन बाद जाकर गुरुवार को नेपाली मंत्री को अबू धाबी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जर्मनी जाने की अनुमति दी गई। नेपाली मंत्री के साथ उनकी पत्नी और एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी था। ये लोग बर्लिन में आईटीबी ट्रेड और ट्रेवल शो में जा रहे थे।
बताया जा रहा है कि मंत्री को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके पासपोर्ट पर वीज़ा की स्टांप नहीं लगी है। माओवादी पार्टी के सदस्य लोकेंद्र बिष्ट कई बार विवादों के घेरे में रह चुके हैं। 2008 में वे अपने सांसद साथियों के सामने ये शेखी बघारते हुए सुने गए थे कि वे संसदीय परिसर में बंदूक लेकर घूम रहे हैं। उनके अपने साथियों को चुनौती दी थी कि वो उनकी जाँच के लिए सुरक्षाकर्मियों को बुलाएँ।
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