नेपाल की एक अदालत ने इन सभी छह लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। इसके इलावा 13 गांववालों को इस कत्ल में साथ देने के लिए दो साल की सज़ा सुनाई गई है। ये लोग पूर्वी इलाके मनांग के रहने वाले हैं।
इस फ़ंगस की खोज करना इस इलाके के गरीब समुदायों के लिए आय का मुख्य साधन है।
बेहद कीमती
चीन में यह फंगस लाखों रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलती है। 'हिमालयन वायग्रा' के नाम से मशहूर हुआ यह मामला नेपाल में काफ़ी समय तक सुर्खियों में रहा था। दरअसल पहाड़ी इलाकों में रहने वाले इन लोगों ने वायग्रा के लिए कानून को अपने हाथों में लिया।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट हुआ कि कैसे जून 2009 में यारसागंबा की फ़सल काटने के लिए बाहर के इलाकों से आए सात किसानों का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया था।
बीबीसी के स्थानीय संवाददाता के मुताबिक इस मामले में सुनवाई साल 2010 में खत्म हो गई थी मगर फ़ैसला कई महीनों के बाद आया है।
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