-नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मिले 5 करोड़ से खरीदे जाएंगी मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपिंग मशीन, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन

-बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के दौरान निकलने वाले वेस्ट से बनाए जाएंगे टाइल्स, नगर निगम ने टेंडर कॉल किए, 17 जुलाई को खुलेंगे

KANPUR(2 June): देश की सबसे पॉल्यूटेड सिटी में कानपुर का नाम हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस दाग को हटाने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत मिले 5 करोड़ रुपए का यूज किया जाएगा। नगर निगम इस बजट से 3 ट्रक माउंटेड मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर, 4 वॉटर स्प्रिंकलर, एंटी स्मॉग गन और सीएनडी वेस्ट प्लांट लगाया जाएगा। नगर निगम ने टेंडर भी कॉल कर दिया है। 17 जुलाई को सभी टेंडर खोले जाएंगे।

नहीं उड़ेंगे धूल के गुबार

सिटी में मैनुअल स्वीपिंग से काफी धूल उड़ती है, इससे डस्ट पॉल्यूशन काफी तेजी से बढ़ता है। सर्दियों में इसका काफी बुरा असर पड़ता है। एनजीटी भी इसे लेकर कड़ी नाराजगी जता चुका है। इसकी वजह से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नगर निगम को बजट जारी किया है।

मैकेनाइज्ड स्वीपिंग पर जोर

देश में पॉल्यूशन की मार झेलने में कानपुर कई बार फ‌र्स्ट पोजिशन पर रहा है। इसके चलते पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से कानपुर समेत स्टेट में वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और लखनऊ को साढे़ पांच-पांच करोड़ रुपए दिए गए थे। एनजीटी के निर्देश पर सिटी में झाड़ू लगने से होने वाले पॉल्यूशन को कम करने के लिए मैकेनाइज्ड स्वीपिंग पर जोर दिया गया। इसके अलावा सर्दियों में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए वाटर स्प्रिंकलर विद एंटी स्मॉग गन भी खरीदी जा रही है। इसमें टोटल खर्च 2 करोड़ रुपए आएगा।

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मैकेनिकल स्वीपिंग बंद

नगर निगम के पास अभी सिर्फ 2 ट्रक माउंटेड मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर हैं। ये अपने निधार्रित रूट की रोड पर क्लीनिंग करते थे। लेकिन अब ये पूरी खराब हो चुके हैं। ये जहां भी क्लीनिंग करते थे, वहां मिट्टी की सफाई भी हो जाती थी और धूल भी नहीं उड़ती थी। बड़े वैक्यूम टैंक में पूरी धूल समा जाती है। हालांकि इसी बजट से खराब पड़े दोनों ट्रकों को फिर से चलने लायक बनाया जाएगा।

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कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनेगा

सिटी में जगह-जगह फैले मलबे से नगर निगम अब कमाई करेगा। पनकी स्थित भाऊसिंह डंप में 1.50 करोड़ रुपए से कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन (सीएंडडी) वेस्ट प्लांट लगाने जा रहा है। हर रोज सैकड़ों टन कंस्ट्रक्शन वेस्ट निकलता है। प्लांट लगने के बाद मलबे से ईट, पत्थर, बालू-गिट्टी और मौरंग अलग हो जाएगी। मलबे से छोटी-छोटी गिट्टी बनाई जाएगी और इसका यूज नगर निगम पैचवर्क में करेगा। वहीं इससे इंटरलॉकिंग टाइल्स भी बनाई जाएगी। इससे नगर निगम को रेवेन्यू के साथ ही पैसे की भी बचत होगी।

1.5 करोड़ रुपए बजट बाकी

नगर निगम अधिशाषी अभियंता आरके सिंह के मुताबिक, नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत 5 करोड़ रुपए का बजट आया था। अभी 3.5 करोड़ रुपए का प्लान तैयार किया गया है। 1.5 करोड़ रुपए एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाना है। लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत इसे लगाया जा चुका है। हालांकि बोर्ड से अभी मॉनिटरिंग सिस्टम को लेकर कोई स्पेसिफिकेशन नहीं है। फिलहाल इस पैसे को अभी यूज में नहीं लिया गया है।

नगर निगम को कितना मिला बजट?

-3 मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपिंग ट्रक: 1.20 करोड़

- 4 वाटर स्प्रिंकलर व एंटी स्मॉग गन व मेंटेनेंस: 80 लाख रुपए

- 1 कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन वेस्ट प्लांट: 1.50 करोड़

कोट

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से पॉल्यूशन से निपटने के लिए 5 करोड़ का बजट मिला है। इसमें 3.50 करोड़ रुपए से स्वीपिंग ट्रक, वाटर स्प्रिंकलर, एंटी स्मॉग गन और सीएंडडी वेस्ट प्लांट खरीदा जा रहे है। टेंडर कॉल किया गया है।

-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त।