'मी लॉर्ड, हम नहीं जानते हिस्ट्रीशीटर मनोज कौन है'

- हिस्ट्रीशीटर को पुलिस कस्टडी से भगाने के आरोपी नारायण आौर गोपाल को मिली बेल

-कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों ने कहा, हमारा हिस्ट्रीशीटर मनोज से कोई संबंध नहीं

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KANPUR : बर्थडे पार्टी में आए हिस्ट्रीशीटर को पुलिस से छुड़ाने के मामले में अरेस्ट किए गए पूर्व बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया और गोपाल शरण को सैटरडे को कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों आरोपियों ने कहा कि हम नहीं जानते कि हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह कौन है? और न ही वह जन्मदिन पार्टी में शामिल होने आया था। अपनी सफाई में दोनों ने कहा कि सिविल ड्रेस में आए लोग एक युवक को लेकर जा रहे थे, जिसका विरोध किया गया।

25-25 हजार के बेल बांड पर

पुलिस ने सैटरडे को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। ट्यूजडे की सुबह जिला जज की कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों की जमानत 25-25 हजार रुपए के बेल बांड दाखिल करने के आदेश के साथ मंजूर की गई है। माना जा रहा है कि जेल से सुबह से रिहाई का समय निकल जाने की वजह से रिहाई नहीं हो सकी। देर शाम डिप्टी जेलर चौबेपुर की अस्थाई जेल पहुंचे और कागजी कार्रवाई कर रिहाई कराई।

ये था पूरा मामला

बीजेपी नेता और जिला मंत्री रहे नारायण सिंह की बर्थडे पार्टी में शामिल होने के लिए बर्रा थाने का हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह पहुंचा था। सूचना पर गिरफ्तार करने आई पुलिस से नारायण सिंह और समर्थकों ने विरोध जताकर मनोज सिंह को फरार करवा दिया था। पुलिस ने नारायण सिंह और उसके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया था। वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी ने नारायण सिंह को जिलामंत्री पद से हटा दिया था तो दूसरे दिन ही बीजेपी ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था।