- एंट्री गेट से लेकर परिसर में जगह-जगह जलभराव व कीचड़, पैसेंजर्स का चलना तक मुश्किल
- अव्यवस्थाओं की वजह से बस अड्डे के बाहर जीटी रोड पर खड़े रहते रोडवेज पैसेंजर्स
KANPUR। जिस बस अड्डे को शहर की शान होनी चाहिए था। उसकी दशा इतनी खराब है कि वहां चलने का मन न करे। हम बात कर रहे है झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड्डे की। यहां बरसात के दिनों में तो आलम इस कदर खराब है कि जो भी वहां पहुंच रहा है उसे कीचड़ से गुजरने की सजा भुगतनी पड़ रही है। रोडवेज के जिम्मेदार आफिसर्स पैसेंजर्स की सुविधाओं को लगभग भूल चुके हैं। ऐसे में पैसेंजर्स अगर शिकायत भी करना चाहे तो कोई सुनने वाला नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इस बस अड्डे का रियलिटी चेक किया तो हालात बड़े नारकीय दिखे।
बड़ी दुर्घटना कभी भी हो सकती
अंतर्राज्यीय बस अड्डे में पैसेंजर्स के बैठने की सुविधा तो दूर खड़े होने की भी सुविधा नहीं है। एंट्री गेट से लेकर अंदर तक बरसात के पानी का जलभराव व कीचड़ होने की वजह से पैसेंजर्स जीटी रोड पर खड़े रहते हैं। जिससे बड़ी दुर्घटना कभी भी हो सकती है। कुछ माह पूर्व ही झकरकटी बस अड्डे के बाहर पुल से उतरते समय रोडवेज की एक बस का ब्रेक फेल हो गया था। जिसमें जीटी रोड पर खड़े एक पैसेंजर व कंडक्टर की मौत हो गई थी। वहीं एक पैसेंजर गंभीर रूप से घायल हाे गया था।
एंट्री गेट में अवैध दुकानें व स्टैंड
झकरकटी बस अड्डे के एंट्री गेट के पास अवैध दुकानों के साथ ई-रिक्शा व टेंपो स्टैंड बन गया है। जिसकी वजह से रोडवेज बस के परिसर में एंट्री करने के दौरान पैसेंजर्स को काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। एंट्री गेट में पैदल निकलना तक दुश्वार हो जाता है। इसका मुख्य कारण गेट पर ही दर्जनों की संख्या में खड़े ई-रिक्शा, ऑटो व टेंपो हैं। रोडवेज अधिकारी को समस्या की जानकारी होने के बावजूद कभी कोई एक्शन नहीं लिया।
धंसी सड़क दुर्घटना को दे रही दावत
झकरकटी समानांतर पुल निर्माण की वजह से बस अड्डे से बसों के निकलने के लिए पुराने पुल के नीचे से जीटी रोड में मिलने वाली सर्विस रोड दी गई है। सैटरडे रात हुई बरसात में वहां भयंकर जलभराव हो गया है। साथ ही जमीन भी धंसती जा रही है। हालात यह है की बस यहां पर पूरी तिरछी हो जाती है। रोडवेज अधिकारी व नगर निगम अधिकारियों की यह लापरवाही किसी दिन बड़े हादसे का रूप ले सकती है।
चार साल से हालात जस के तस
झकरकटी बस अड्डे में अव्यवस्था के हालात बीते चार सालों से जस के तस है। कितने प्रशासनिक व रोडवेज अधिकारी यहां इंस्पेक्शन के लिए आए और आदेश देकर चले गए, लेकिन समस्या दूर न हो सकी। परिसर में बिछी ईट जगह-जगह धंस चुकी है। जिसको मेंटीनेंस के लिए बीते कई सालों से प्लान बन रहा है। मेंटीनेंस वर्क के नाम पर यहां पर ईट के टुकड़े डाल दिए जाते हैं। इसकी वजह से एक दो दिनों में वहां फिर से गड्ढा हो जाता है।
1 हजार से अधिक बसों का आवागमन डेली
40 हजार से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन
50 एसी बसों का आवागमन डेली
4 साल से बस अड्डे की विभिन्न समस्याएं जस की तस
2 अदर स्टेट बसों का संचालन यहां से होता है
'' झकरकटी समानांतर पुल निर्माण की वजह से बस अड्डे में डेवलपमेंट कार्य नहीं किया जा रहा है। पैसेंजर्स की समस्या को लेकर समय-समय पर व्यवस्था दुरुस्त की जाती है। बस अड्डे के बाहर खराब पड़ी सड़क का मेंटीनेंस के लिए संबंधित अधिकारियों को लेटर लिख दिया गया है.''
राजेश सिंह, एआरएम, झकरकटी बस अड्डा
- झकरकटी बस अड्डा सिर्फ नाम का अंतर्राज्यीय बस अड्डा है। पैसेंजर्स सुविधाओं को लेकर यहां कोई भी फैसिलिटी नहीं है। इसमें सुधार करने की जरूरत है
आकाश मिश्रा
- झकरकटी बस अड्डा क्योंकि अंतर्राज्यीय बस अड्डा है। यहां रोडवेज अधिकारियों को पैसेंजर्स की सुविधा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
रमेश सिंह
- पैसेंजर्स सुविधाओं के नाम पर अगर झकरकटी बस अड्डे को नंबर देने को कहां जाए तो मैं 10 में एक ही नंबर दूंगा। हर जगह गंदगी, जलभराव, कीचड़ है।
सूरज पांडेय
- रोडवेज अधिकारी सुविधाओं के नाम पर सिर्फ पैसेंजर्स से बढ़े-बढ़े दावे ही करता है। हकीकत में पैसेंजर्स सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हैं।
शिवम दुबे