लेकिन ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना की एक कला प्रदर्शनी के दौरान नग्न कलाकृतियों के प्रदर्शन पर हंगामा मच गया। इसकी वजह भी दिलचस्प है।
कलाकृतियों में नग्न पुरुषों को दर्शाया गया है। इस वजह से प्रदर्शनी का विरोध देखने को मिल रहा है। साफ है पश्चिमी समाज महिलाओं की नग्न कलाकृतियों को तो पचा लेता है लेकिन पुरुषों की नग्नता वहां पच नहीं रही। विएना में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रदर्शनी से पहले संग्रहालय ने संबंधित पोस्टरों को भी हटा लिया है।
लियोपोल्ड संग्रहालय में प्रवेश करते हुए ही आपको एक साथ पुरुषों की पांच नग्न कलाकृति दिखती है। सबसे पहली कलाकृति प्राचीन मिस्त्र के पुरुष समाज को प्रतिबिंबित करती है जबकि एक कलाकृति शापिंग सेंटर में लगे पुरुषों के पुतले पर आधारित है।
पुरुष नग्नता का पुराना इतिहास
लियोपोल्ड संग्रहालय के निदेशक तोबियस नातेर कहते हैं यह प्रदर्शनी एक तरह से इतिहास के 500 सालों का सफ़र है। वे कहते हैं, “ मिस्त्र की सभ्यता की नग्नता की झलक मिस्त्र की कलात्मक शैली में भी नहीं नजर आती। रोमन कला में यह शामिल रही। कला की दुनिया में पुरुष नग्नता का भी पुराना इतिहास रहा है.”
तोबियस इस प्रदर्शनी को ख़ास मानते हैं। वे कहते हैं, “पुरुष नग्नता पर प्रदर्शनी ख़ास तो है ही। हमने महिलाओं की नग्न कलाकृतियों पर कई प्रदर्शनियां आयोजित की हैं, लेकिन पहली बार पुरुष नग्नता पर प्रदर्शनी कर रहे हैं.”
यह एक तरह से वर्जनाओं के टूटने जैसा है। तोबियस कहते हैं, “अभी भी लोग महिला और पुरुषों की नग्न कलाकृतियों को लेकर अलग अलग सोच रखते हैं। प्रदर्शनी के दौरान इस विषय पर और ज़्यादा बहस की जरूरत है.”
प्रदर्शनी से संबंधित विज्ञापन के लिए बने पोस्टरों में एक में तीन नग्न फ़ुटबॉलरों की पूरी तस्वीर दिखाई गई। इसे फ्रांसीसी कलाकार पियरे और गिल्स ने बनाया। लेकिन आम लोगों की शिकायत को देखते हुए इन पोस्टरों में पुरुषों के खास अंगों को ढक दिया गया।
'ताक़त का प्रतीक'
हालांकि इस पूरे मसले को लोग पब्लिसिटी स्टंट भी मान रहे हैं। एक ऑस्ट्रियाई समाचार पत्र की पत्रकार इरिक कोचिना कहती हैं, “हंगामे में 30 फ़ीसदी हिस्सा मार्केटिंग रणनीति से संबंधित है, हालांकि 70 फ़ीसदी वास्तविक हंगामा ही है.”
इरिक कहती हैं, “हम विज्ञापन और टेलीविजन में नग्न महिलाओं की तस्वीरें देखते रहे हैं। नग्न पुरुष पहली बार दिखाई दे रहे हैं इसलिए लोगों इसका विरोध कर रहे हैं.”
विएना की यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लायड आर्ट्स में कला इतिहासकार इवा केर्नबेयुर के मुताबिक कला की दुनिया में पुरुष नग्नता लंबे समय से मौजूद है लेकिन उसे देखने का नजरिया हमेशा से अलग रहा है।
केर्नबेयुर कहती हैं, “पुरुष नग्नता को ताकत और सौष्ठव से जोड़ कर देखा जाता है जबकि महिलाओं की नग्नता को सौंदर्य और कामुकता से देखा जाता है.”
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