घपलों से परेशान हो चुके हैं तो

अगर आप अपने एरिया में हो रहे डेवलपमेंट वक्र्स में किए जा रहे घपलों से परेशान हो चुके हैं तो आपके लिए ये खबर खास है। अब आप खुद ही इस तरह के करप्शन को दूर करने में सक्षम होंगे। डेवलपमेंट वक्र्स में क्वालिटी से हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए कानपुर नगर-निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। आने वाले दिनों में डेवलपमेंट वक्र्स का साइट प्लान, डिजायन व एस्टीमेट सहित पूरी डिटेल नगर निगम की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इसकी हार्ड कॉपी मोहल्ले के लोगों के अलावा एरिया के कॉरपोरेटर को भी दी जाएगी। जिससे कि वे डेवलपमेंट की क्वालिटी पर भी पूरी नजर रख सकें और कोई भी गड़बड़ी होने पर ऑफिसर्स को बता इनफॉर्म कर सकें। इसके लिए संबंधित ऑफिसर्स के सेलफोन नम्बर्स भी उपलब्ध रहेंगे।

ई-टेंडरिंग के लिए रजिस्ट्रेशन

सिटी में रोड, फुटपाथ आदि डेवलपमेंट वक्र्स पर नगर निगम करोड़ों रूपए खर्च देता है। लेकिन मानक से खिलवाड़ की वजह से ये वक्र्स  एक साल भी नहीं टिक पाते हैं। रोड्स में बड़े-बड़े पॉटहोल्स हो जाते हैं और फुटपाथ देखकर लगता है जैसे वर्षों से उनका मेकओवर किया ही नहीं किया गया। श्याम नगर, किदवई नगर, बर्रा, कल्याणपुर, गीता नगर, आर्य नगर सहित कई जगहों पर ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं। सैटरडे को ही गोविन्दपुरी स्टेशन को जाने वाली रोड पर बनी कलवर्ट का मामला सामने आया था, जो 4-5 महीने में टूट गई। गोविन्द नगर डम्प की दीवार में पीली ईंट लगाए जाने का मामला भी सामने आया है। एक लाख के सिविल वर्क बगैर टेंडर के ही कांट्रैक्टर, इंजीनियर आदि की मिलीभगत से चुपचाप कराने की भी शिकायत मिली है। इसीलिए आगरा से शहर में पोस्ट हुए म्यूनिसिपल कमिश्नर डीके सिंह ने ई-टेंडरिंग कराने का फैसला किया है। इसके लिए कांट्रैक्टर्स के रजिस्ट्रेशन भी शुरू करा दिए गए हैैं। जिससे टेंडर्स में कांट्रैक्टर व निगम इम्प्लाइज की मिलीभगत न हो, कोई कांट्रैक्टर कितना भी प्रभावशाली हो, किसी अन्य को टेंडर डालने से न रोक सके। इसी तरह कांट्रैक्टर महंगाई का बहाना न बना सके, इसके लिए डेवलपमेंट वक्र्स में यूज होने वाले मैटेरियल्स के रेट भी पीडब्ल्यूडी से रिवाइज कराने को लेटर भेज दिया गया है।

स्टैंडर्ड्स के मुताबिक होगा वर्क

आगरा की तर्ज पर ही सिविल वर्क की पूरी डिटेल नगर निगम की वेबसाइट  (222.द्मद्वष्.ह्वश्च.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ) पर अपलोड कराने की तैयारी शुरू कर दी गई हैैं। खास बात ये है कि ये साइट सिर्फ देखने के लिए नहीं होगी। इसमें किसी भी पर्टिकुलर वर्क की पूरी डिटेल के साथ ही संबंधित इंजीनियर्स और ऑफिसर्स के नंबर्स भी दिए जाएंगे। म्यूनिसिपल कमिश्नर डीके सिंह ने बताया कि पूरा प्रयास किया जा रहा है स्टैंडर्ड के मुताबिक ही डेवलपमेंट वक्र्स हो। इसके लिए सिस्टम को ट्रांसपैरेंट बनाया जा रहा है। जिससे पब्लिक को हरएक डेवलपमेंट वर्क की डिटेल से जानकारी मिल सके। कुछ भी गड़बड़ी होने पर ऑफिसर्स को बता सके। अगर शिकायत सही पाई गई तो संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रïवाई भी होगी।

वेबसाइट पर होगी ऐसी डिटेल

-साइट प्लान, डिजाइन सहित डिटेल एस्टीमेट,

- बजट, प्रोग्र्रेस रिपोर्ट, रनिंग पेमेंट

-एग्र्रीमेंट डेट, स्टार्टिंग की डेट, कम्प्लीशन डेट

-वर्क शुरू से पहले का फोटोग्र्राफ

-पब्लिक के साथ मीटिंग का फोटोग्र्राफ

-संबंधित एरिया के लोगों के कांटैक्ट नम्बर

-कांट्रैक्टर फर्म का नाम व कांटैक्ट नम्बर

-जेई, एई व एक्सईएन का

-वर्क पूरा होने के बाद का फोटो