कानपुर(ब्यूरो)। नगर निगम ऑफिस में सालों के रिकार्ड का डिजीटलाइजेशन करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत 35 लाख की लागत से परियोजना शुरू की है। इसके शुरू होने पर कानपुर स्मार्ट सिटी की लगभग एक हजार और नगर निगम की लगभग 25 हजार फाइलें स्कैन कर डिजीटल की जाएगी। इसमें लगभग 20 लाख पेज होंगे। इस संबंध में सैटरडे को कमिश्नर डा। राजशेखर ने मुआयना किया। उन्होंने फाइलों का डिजीटलाइजेशन तीन महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है। बता दें कि यह प्रदेश का पहला पेपरलेस कारपोरेशन होगा।

डिजिटलाइजेशन: फैक्ट फाइल
- स्कैनिंग और डिजीटलाइजेशन का काम स्टॉकहोल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (भारत सरकार का उपक्रम) की तरफ से किया जा रहा है।
- एक सप्ताह पहले शुरू हुआ काम स्मार्ट सिटी की 80 फाइलों को स्कैन और डिजिटाइज किया जा चुका है।
- सीईओ स्मार्ट सिटी की देखरेख में टीम गठित की गई है। जिसका कार्य निगरानी और डिजिटलाइज्ड दस्तावेजों के वैरिफिकेशन का जिम्मा होगा।
- कमिश्नर ने निर्देश दिया कि हर फाइल और फाइल के पेज को ट्रैक करने के लिए एक यूनीक क्यूआर कोड सिस्टम हो।
- परियोजना के पूरा होने के बाद, कानपुर स्मार्ट सिटी इस तरह का डिजीटलीकरण कार्य करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला स्मार्ट सिटी होगा।
- फाइनेंशियल ईयर 2022-2023 में स्मार्ट सिटी और नगर निगम को पेपर लेस ऑफिस बनाने का निेर्देश दिया है।