कानपुर (ब्यूरो) कानपुर यूनिवर्सिटी में काम करने वाले प्रदीप कुमार जन्म से हिंदू है और हिंदू धर्म में ही आस्था रखते हैं। उनका विवाह मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाली रीना से सन् 2000 में हुआ था। शुरुआती पांच साल तक तो सब सही रहा, लेकिन बाद में उसकी पत्नी रीना का मतांतरण ईसाई धर्म की ओर हो गया। वह कई बार चर्च जाने लगी। पहले तो प्रदीप कुछ नहीं बोला, लेकिन अभी कुछ वर्ष पहले उसकी जिंदगी में एक बड़ा परेशान करने वाला समय आया। पत्नी ईसाई धर्म को मानने लगी और पूरे घर को ईसाई बनाने पर आमादा हो गई।

पहलेे सास बनी ईसाई
प्रदीप का कहना है कि जबलपुर में उसकी सुसराल में घर के नीचे एक क्रिश्चियन फैमिली रहती थी। उस क्रिश्चियन फैमिली ने उसकी सास का मतांतरण कर दिया और उसे अपने साथ चर्च एवं प्रार्थना सभा में ले जाना शुरू कर दिया। प्रदीप का कहना है कि उसकी सास ने अपने घर से भगवान को हटा दिए और सभी पर ईसाई धर्म अपनाने का जोर डालने लगी, लेकिन घर में उस महिला का पति और बेटा क्रिश्चियन बनने को राजी नहीं हुए लेकिन उसे अपने बहू का मतांतरण करने में कामयाबी मिल गई। इस तरह उस घर में सास और बहू क्रिश्चियन धर्म को मानने लगे। घर से भगवान हटा दिए गए और पूजा बंद कर दी गई। इससे नाराज होकर उसके बेटे ने अपनी पत्नी को छोड़ कर दूसरी शादी कर ली। इसके बाद मतांतरण की यह कहानी पहुंचती है कानपुर में।

और फिर शुरू हुआ प्रदीप की पत्नी का मतांतरण
प्रदीप का कहना है कि उसके सुसराल में जब सास और उनकी बहू ईसाई बन गए तब शुरू हुआ उसकी पत्नी रीना के मतांतरण का सिलसिला। उसकी सास ने फोन पर रोज बात करते हुए अपनी बेटी को भी ईसाई धर्म में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। जब रीना अपने मायके मध्यप्रदेश जाती तो उसकी मां उसे चर्च ले जाती और प्रार्थना में शामिल करती थी। इसी तरह धीरे-धीरे पत्नी पर भी इसका असर दिखने लगा। करीब 15 साल पहले ही उसका मन बदलने लगा और वह चर्च में कभी-कभी जाने लगी। करीब चार साल पहले तो अक्सर चर्च जाना और प्रार्थना करना शुरू कर दिया। वह काफी समय में लोकल पादरी लोगों के सम्पर्क में थी और कल्याणपुर स्थित एक चर्च में जाने लगी।

घर से निकाल दिए गए भगवान
प्रदीप का कहना है कि उसकी पत्नी का ब्रेन वॉश किया गया और उसे भगवान को घर से हटाने और पूजा करने से मना किया गया। पत्नी ने ऐसा ही किया। प्रदीप का कहना है कि उसने मेरे घर से पांच महीने पहले भगवान हटा दिए। गीता और रामायण की जगह बाइबिल रख दी और मुझ पर रोज दबाव बनाती है कि मैं भी ईसाई धर्म अपना लूं और चर्च जाया करूं। मेरे घर में यह कलह का बड़ा कारण हैं।

बच्चों को भी बाइबिल पढ़ाती है
प्रदीप का कहना है कि उसके दो बच्चे हैं, लड़का दसवीं क्लास में है और बेटी नवीं क्लास में। अब पत्नी रीना दोनों ही बच्चों को बाइबिल पढ़ाती हैै। प्रदीप का कहना है कि उसके उसके बच्चे भी अब हिंदू संस्कारों से दूर हो गए हैं और वो मोबाइल और टीवी पर सिर्फ ईसाई धर्म से जुड़े वीडियो देखते हैं और पूजा की जगह प्रार्थना करते हैं।

सिर्फ एक ही परमेश्वर जिंदा है
प्रदीप का कहना है कि उसकी पत्नी रीना उससे कहती है कि सिर्फ ईशू ही एक जीवित परमेश्वर हैं और बाकी सारे ईश्वर मरे हुए हैं। सिर्फ ईशू ही शक्तिशाली है, इसलिए उनकी ही प्रार्थना करो। प्रदीप का कहना है कि उसकी पत्नी उसे घर में हिंदू त्योहार नहीं मनाने देती है। होली नहीं खेलने देती और घर में दिवाली नहीं मनाने देती है। उसने कोई भी पूजा करने में पाबंदी लगा दी है। घर में अगर कोई प्रसाद दे जाए तो वह नहीं लेने देती।

घर में आने लगे हैं पादरी
प्रदीप का कहना है कि पत्नी रीना ही सिर्फ चर्च नहीं जाती, बल्कि उसके घर में भी कुछ पादरी का आना जाना शुरू हो गया है। प्रदीप जब इसका विरोध करता है तो रीना घर में कलह करती है। गुस्से में मेरा फोन तक तोड़ दिया है।

ईशू ने ही मेरी बेटी को बचाया, इसलिए मैंने भगवान को हटाकर ईशू को अपनाया
इस कहानी का दूसरा पहलू जानने के लिए हमने प्रदीप की पत्नी रीना से भी बात की। हम उनके घर गए तो यह पता चला कि घर में अब भगवान नहीं है, बस ईसा मसीह की एक छोटी सी स्टैचू है। पहले तो वह टालमटोल करती रही, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि हां, उसने पांच महीने पहले घर से भगवान हटा दिए हैं। भगवान के कारण ही मेरे घर में समस्या थी। मेरी बेटी की हालत ज्यादा खराब थी। अब ईशू ने सब ठीक कर दिया है।
हमारी रीना से क्या क्या बात हुई आप भी सुनिए
- रिपोर्टर: आपने हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म क्यों अपनाया?
रीना: पिछले कुछ साल से मेरी बेटी की तबियत ज्यादा खराब थी। मुझे बताया गया कि ईशू ज्यादा शक्तिशाली हैं। अगर मैं उनको मानू तो सब ठीक हो जाएगा। मैं उनके मानने लगी और पूजा छोड़ दी तो मेरी बेटी का अब ऑपरेशन हो चुका है। मैं अपनी बेटी के कारण ही ईसाई धर्म को मानने लगी।
रिपोर्टर-क्या कहा गया था आपसे?
रीना: घर में भगवान के कारण ही सब परेशानी आ रही हैं। भगवान को हटा के ईशू की प्रार्थना करो, बाइबिल पढ़ो तो सब ठीक हो जाएगा। वो लोग बताते हैं कि दो नाव में सवार न हो। सिर्फ ईशू को मानो। भगवान को घर से हटा दो। इसलिए मैंने पांच महीने पहले ही भगवान को घर से हटा दिया।

रिपोर्र्टर: आप कब से ईसाई धर्म को मानने लगीं?
रीना: मैं बचपन से ईसाई नहीं थी, अब मानने लगी हूंूं। 15 साल पहले कभी-कभी चर्च जाने लगी थी। ईशू ने मेरे कई काम कर दिए। ईशू के कारण मेरे पति की जॉब लग गई। मैं अपना घर बनवा पाई हूं। हालांकि बहुत कर्ज है, लेकिन सब ठीक हो जाएगा। मेरी बेटी के ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं थे। लेकिन उसका ऑपरेशन हुआ।

रिपोर्टर: लेकिन बेटी के ऑपरेशन तो प्रदीप के ऑफिस के साथियों ने पैसा इक्ट्ठा करके और अधिकारियों ने मदद करके किया?
रीना: तो क्या हुआ। भगवान ऐसा नहीं कर पाते हैं, ईशू ही शक्तिशाली है और उन्होंने ही ऐसा कराया।

रिपोर्टर : यह कौन कहता है कि ईशू ज्यादा ताकतवर हैं भगवान नहीं?
रीना: पादरी और चर्च में आने वाले सभी लोग कहते हैं कि दुनिया में एक ही जीवित परमेश्वर है। वह ईशू है। बाकी सब मरे परेश्वर हैं।

रिपोर्टर : क्या आप अभी भी चर्च जा रही हैं?
रीना: नहीं अभी नहीं जा पा रहे हैं। बहुत मन होता है जाने का, लेकिन प्रदीप घर में इसको लेकर विरोध करते हैं इसलिए अभी नहीं जा पा रहे हैं।

रिपोर्टर: घर में विवाद रहता है। आप पूजा नहीं करने देगी प्रदीप को?
रीना: जहां ईशू होते हैं वहां दूसरे भगवान नहीं हो सकते। इसलिए मैंने भगवान हटा दिए हैं।