कानपुर(ब्यूरो)। आपने अभी तक मशरुम के रेट 200 से 300 रुपए किलो सुने होंगे। अगर आपको हम बताएं कि मशरूम की कीमत एक लाख रुपए किलो भी होती है तो शायद आप सुनकर चौंक जाएं। लेकिन यह सच है। सीएसए यूनिवर्सिटी में किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के दूसरे दिन मंडे को आईसीएआर के खुम्ब अनुसंधान निदेशालय, चंबाघाट सोलन (हिमाचल प्रदेश) के स्टाल में कार्डिसेप्स मशरूम नाम से एक लाख किलो कीमत वाला मशरूम आकर्षण का केंद्र रहा। सोलन स्थित निदेशालय से आए तकनीक अधिकारी गुलेर राणा ने बताया कि इस मशरुम का यूज सबसे अधिक चाइना के प्लेयर करते हैैं। इंडिया में इसका यूज हेल्थ सप्लीमेंट बनाने में किया जा रहा है। इससे स्टैमिना बढ़ता है और फिटनेस बनी रहती है। उन्होंने बताया कि ड्राई मशरूम की कीमत एक लाख रुपए प्रति किलोग्र्राम है। इसको लकड़ी के बुरादे में ठंड के समय उगाया जाता है।

एंटी कैंसर प्रापर्टी और मेंटल हेल्थ वाले मशरूम
आईसीएआर के खुम्ब अनुसंधान निदेशालय के स्टाल पर मेडिटेशनल यूज वाले मशरूम को लगाया गया है। निदेशालय के तकनीक अधिकारी गुलेर राणा ने बताया कि गैनोडर्मा मशरूम में एंटी कैंसर, एंटी शुगर और स्टैमिना बढ़ाने वाली प्रापर्टी है। इसकी कीमत 17000 रुपए किलो है। इसके अलावा 2000 रुपए किलो वाले शिटाके मशरूम में एंटी कैंपर और 1500 रुपए कीमत वाला हेरिशियम मशरूम मेंटल हेल्थ के लिए काम करता है।

मशरूम से बनाए फास्टफूड
सीएसए के प्लांट पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के स्टॉल में मशरुम से फास्ट फूड बनाकर लगाए गए थे। इस स्टॉल में व्हाइट सॉस पास्ता, बर्गर, कैंडी, अचार और मुरब्बा आदि था। इसके अलावा मशरूम की नमकीन और पापड़ आदि भी लगाए गए।

फार्मर बेस्ड रिसर्च पर बल
सीएसए में अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के दूसरे दिन प्रदेश भर से किसानों का आना जारी रहा। कल्याणपुर विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि इस मेले से किसानों को खेती संबंधी नवीन ज्ञान प्राप्त होगा तथा उन्हें कृषि संबंधी अपनी समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों से हल प्राप्त होने का अवसर मिलेगा। उन्होंने फार्मर बेस्ड रिसर्च पर बल दिया और महिला स्वयं सहायता समूह के गठन कर महिलाओं से आत्मनिर्भर बनने को कहा।


100 से अधिक स्टॉल
सीएसए वीसी डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को रबी मौसम के फसलों व सब्जियों के बीच तथा फलों की नर्सरी उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय ने मेला स्थल पर विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से बीज बिक्री की पर्याप्त व्यवस्था की है। मेले में सरकारी, अर्ध सरकारी, गैर सरकारी, विश्वविद्यालय, आईसीएआर एवं मल्टीनेशनल कंपनियों के 100 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। इस मौके पर डॉ। राजीव, डॉ। आरके यादव, डॉ। पीके सिंह, डॉ। पीके उपाध्याय, डॉ खलील खान और डॉ। वीके त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।