प्रांतीय गृह मंत्री मंज़ूर वसाण ने कराची में एक संवाददाता सम्मेलन में इस फ़ैसले की जानकारी दी और कहा कि उन्हें कराची एयरपोर्ट से गिरफ़्तार पर जेल भेज दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि परवेज़ मुशर्रफ़ बनेज़ीर भुट्टो और नवाब अकबर बुगटी की हत्या के मुक़दमों में अभियुक्त हैं और क़ानून से कोई ऊपर नहीं है, चाहे वह पूर्व सेनाध्यक्ष ही क्यों न हो।

उन्होंने कहा कि कराची की लाँढी जेल में उनके लिए व्यवस्था कर दी गई है लेकिन उन्हें गिरफ़्तारी के कुछ दिनों बाद बलूचिस्तान की सरकार के हवाले किया जाएगा।

ग़ौतरलब है कि परवेज़ मुशर्रफ़ ने रविवार को कराची में वीडियो लिंक के ज़रिए ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह 27 जनवरी से 30 जनवरी के बीच कराची पहुँचेंगे और अगले आम चुनाव में भाग लेंगे।

अभियुक्त

इससे पहले गृह मंत्री रहमान मलिक ने पत्रकारों को बताया था कि परवेज़ मुशर्रफ़ पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के मुक़दमे में अभियुक्त हैं और उन्हें पाकिस्तान आने पर गिरफ़्तार होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में एक क़ानून है और पाकिस्तानी क़ानून के मुताबिक़ जो व्यक्त अभियुक्त हो जाता है, पुलिस को गिरफ़्तार करना उसका कर्तव्य है।

ग़ौरतलब है कि 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में हुई एक चुनावी सभा के दौरान हुए आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री और पीपुल्स पार्टी की अध्यक्ष बनेज़ीर भुट्टो की मौत हो गई थी। उस समय परवेज़ मुशर्रफ़ राष्ट्रपति पद पर थे और बेनज़ीर भुट्टो की हत्या में मुक़दमे वह मुख्य अभियुक्त हैं।

18 अक्तूबर 2007 को जब बनेज़ीर भुट्टो स्वदेश लौटी थीं तो उस समय उनके क़ाफ़िले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।

हमले से पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि वे पाकिस्तान में असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उन्हें अगर कुछ हुआ तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी परवेज़ मुशर्रफ़ पर होगी।

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