ये माफ़ीनामा इस शीर्षक के साथ छपा है—हमें खेद है।
ये माफ़ीनामा 'द गार्डियन' अख़बार में भी छपा है जिसने सबसे पहले इस फ़ोन हैकिंग मामले का पर्दाफ़ाश किया था। इस माफ़ीनामे पर ख़ुद रूपर्ड मर्डोक का हस्ताक्षर है। इस माफ़ीनामे में लिखा है कि 'द न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' हमेशा ही दूसरों की जवाबदेही तय करने की कोशिश में रहा। जब इसकी ख़ुद की बारी आई तो ऐसा करने में वो विफल रहा।
इस्तीफ़ा
इस बीच रूपर्ट मर्डोक की कंपनी न्यूज़ कोरपोरेशन के दो सबसे उच्च अधिकारियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। ले हिंटन उस समय न्यूज़ इंटरनेशनल के मुख्य अधिकारी थे जिस वक्त न्यूज़ औफ़ द वर्ल्ड के पत्रकार फ़ोन हैकिंग कर रहे थे। उनके इस्तीफ़े से पहले न्यूज़ इंटरनैशल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेबेका ब्रुक्स ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया।
ले हिंटन जिनका इस्तीफ़ा इस कड़ी में सबसे ताज़ा है, उन्होंने रूपर्ट मर्डोक की कंपनी के लिए 52 सालों तक काम किया। एक बयान में उन्होंने कहा कि वे न्यूज़ औफ़ दी वर्ल्ड में हो रही तमाम गतिविधियों से अनभिज्ञ थे। उनका कहना था कि अब जो कुछ हो रहा है उसे वे बेहद दुखी मन से देख रहे हैं।
मुलाक़ात
अख़बार में छपे माफ़ीनामे के अलावा रूपर्ट मर्डोक ने लंदन में मिली डाउलर के परिवार वालों से भी माफ़ी मांगी। मर्डोक ने इस परिवार से मिलने का अनुरोध तब किया जब उन्हें पता चला कि मिली डाउलर की हत्या से पहले उनका फ़ोन न्यूज़ औफ़ द वर्ल्ड अख़बार ने 2002 में हैक किया था।
परिवार के वकील ने कहा कि रूपर्ड मर्डोक अपनी माफ़ी में काफी संजीदा और ईमानदार थे। उन्होंने कई बार माफ़ी मांगी और बार बार अपने हाथों से अपने सिर को पकड़ अफ़सोस ज़ाहिर कर रहे थे।
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