कानपुर (ब्यूरो)। देवरिया कांड जैसा मामला कानपुर देहात में भी सामने आया है। गजनेर के शाहजहांपुर निनाया में करीब दो बिस्वा जमीन के पुराने विवाद में दो भाइयों की लाठी डंडे व कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी गई जबकि परिवार के चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। आरोपी पक्ष ने डीएम से 30 सितंबर को शिकायत की थी कि उनकी जमीन पर कब्जा हो रहा और दूसरा पक्ष मारपीट पर अमादा है। इसमें तहसीलदार व गजनेर थानेदार से जांच करने की बात कही गई थी पर मामले को गंभीरता से इसे नहीं लिया गया और इतनी दुखद घटना हो गई।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

आरोपियों ने जमीनी विवाद में लोडर खड़ा करने व खाट हटाने का बहाना बनाकर विवाद शुरू किया था। इसके बाद लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से वार किए गए। सूचना मिलते ही एडीजी, आईजी, डीएम व एसपी ने घटनास्थल पहुंचे। विवाद कब से चल रहा इसके लिए एडीजी ने ग्रामीणों से पूछताछ की। पुलिस ने नामजद 11 में से आठ हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं लापरवाही का दोषी मानकर एक दारोगा व दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।

जमीन पर दोनों पक्षों का दावा

किसान 70 वर्षीय सत्यनारायण के भाई 58 वर्षीय रामवीर की आपदा राहत के तहत मुख्यमंत्री आवास बनवाने को 40 हजार रुपये की पहली किस्त आई थी। इस पर उन्होंने घर के सामने पड़ी दो बिस्वा जमीन पर गिट्टी व मौरंग गिरवाया था और नींव खोदी थी। इस जमीन पर गांव के ही मोहनलाल शुक्ला व उनका परिवार दावा करता है और इसका बैनामा भी 10 दिन पहले करवाया था। उन्होंने निर्माण करने से मना किया था। गुरुवार रात 10 बजे निर्माण सामग्री की रखवाली के लिए सत्यनारायण खाट डालकर जमीन पर लेटे थे। उसी समय मोहनलाल शुक्ला ने अपना लोडर वहां खड़ा किया। इसका विरोध सत्यनारायण ने किया तो मोहनलाल ने अपनी खाट व सामग्री वहां से हटाने को कहा।

हैलट में तोड़ा दम

दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता गया और आखिर में मोहनलाल शुक्ला परिवार ने एकजुट होकर लाठी, डंडे व कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इससे सत्यनारायण की जान चली गई जबकि रामवीर ने कानपुर के हैलट में शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया। हमले से रामवीर की पत्नी मधु, बेटी काजल, बेटा दीनू व सोनू घायल हो गए। उन्हें देररात जिला अस्पताल से कानपुर रेफर किया गया। सभी के अस्पताल में होने से पीडि़त परिवार के घर पर ताला पड़ा रहा। एडीजी आलोक ङ्क्षसह, आईजी प्रशांत कुमार व डीएम आलोक ङ्क्षसह, एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने घटनास्थल का निरीक्षण किया व जमीन को भी देखा। ग्रामीणों से जमीन के बाबत एडीजी ने सवाल जवाब किए कि किसकी यह है और कब से विवाद चल रहा।

गंभीरता से लेते तो न होती वारदात

गजनेर पुलिस ने हत्यारोपी मोहन शुक्ला, अंजनी शुक्ला, सुंदर, कन्हैया, सत्यम शुक्ला, अंजनी की पत्नी प्रिया, उमा पत्नी प्रेम कुमार शुक्ला, मीरा पत्नी उदय नारायण शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया। वहीं उदयनारायण, प्रेमकुमार व बल्लू फरार है जिनकी तलाश चल रही है। वहीं लापरवाही पर पीआरवी के दारोगा विष्णुलाल, सिपाही नरेश चंद्र व चालक बृजेंद्र पाल को निलंबित कर दिया गया। वह लोग आरोपी मोहनलाल के 112 पर फोन करने पर तीन बार गए भी पर सक्रियता नहीं दिखाई। एडीजी ने बताया कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, फरार लोगों की तलाश चल रही है हत्या का मुकदमा दर्ज है।

हत्या का मकदमा दर्ज कर मामले में आठ हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। वहीं लापरवाही करने पर एक दरोगा और दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। फरार लोगों की तलाश चल रही है।

आलोक सिंह, एडीजी