कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम शहर की जमीनों पर पुराना हाउस टैक्स ही वसूल रहा है। जबकि वहां मकान की जगह अपार्टमेंट बन गए है। टैक्स सुपरिटेंडेट हो या फिर रेवन्यू इंस्पेक्टर्स टैक्स पुराने पैटर्न पर ही वसूल रहे हैं। जबकि वर्तमान में उस लैैंड पर एक मकान नहीं बल्कि अपार्टमेंट खड़े हैं। जिसमें कई मकान हैं। इनकम बढ़ाने की कवायद में नगर निगम कागजी घोड़े तो दौड़ा रहा है, पर अपार्टमेंट की अनदेखी कर रहा है। सूत्रों की माने तो नगर निगम के अफसर जानबूझकर इसकी अनदेखी कर रहे हैं। अफसर नगर निगम के खजाने भरने की जगह अपनी जेबें भर रहे हैं।
30 करोड़ के करीब इनकम
एक अफसर ने अनुसार हर जोन में करीब पांच से 10 हजार ऐसी प्रापर्टी हैं, जिन पर टैक्स लगाया जाए तो करोड़ों रुपये की इनकम होगी। लेकिन नगर निगम ने न तो ऐसी प्रापर्टी का टैक्स रिवाइज्ड किया गया और न ही खरीदारों से म्यूटेशन फीस ली। ऐसे करीब 30 हजार से छोटे बड़े फ्लैट है। इनका टैक्स निर्धारण कराने के साथ ही म्यूटेशन कराया जाए तो नगर निगम को करीब 30 करोड़ रुपये तक इनकम होगी। ऐसे अपार्टमेंट पर कार्रवाई करने के लिए सर्वे कराने के साथ ही कैंप लगाकर मौके पर ही हाउस टैक्स फिक्स करने के साथ म्यूटेशन कराया जाएगा।
सदन में उठ चुका मुद्दा
पार्षद दल के नेता सुहैल अहमद ने पूर्व में सदन में मामला उठाया था कि करीब 50 हजार प्रापर्टी ऐसी हैं जो टैक्स निर्धारण परिधि से बाहर हैं। इसको लेकर नगर निगम लखनऊ की कंपनी से सर्वे करा रहा है। अभी 50 प्रतिशत सर्वे हुआ है।
रेवेन्यू इंस्पेक्टर्स की फौज, फिर भी मकान छूटे
नगर निगम में रेवेन्यू वसूली के लिए 88 रेवेन्यू इंस्पेक्टर लगे हैं। अगर पूरे साल वसूली के साथ ही एरिया में बने नए मकानों व अपार्टमेंट का सर्वे करके टैक्स लगाए जाएं तो सभी प्रापर्टी टैक्स के दायरे में आ जाएंगी और नगर निगम की इनकम बढ़ेगी। इससे नगर निगम निधि से शहर में तेजी से और विकास कार्य कराए जा सकते हैं। कई रेवेन्यू इंस्पेक्टर प्राइवेट कर्मचारी तक रखे हुए हैं।
यहां पर बने अपार्टमेंट
रामबाग, पीरोड, गांधीनगर, जवाहर नगर, नेहरू नगर, चमनगंज, बेकनगंज, नई सडक़, श्याम नगर, सुजातगंज, पनकी, गुमटी नंबर पांच, कौशलपुरी, फजलगंज, सर्वोदय नगर, काकादेव, पांडुनगर, शास्त्रीनगर, विजय नगर समेत कई पुराने इलाकों में मकान तोडक़र अपार्टमेंट बन रहे हैं या बन गए हैं।
कम वसूली वालों की लिस्ट
पिछले वर्ष टारगेट से ज्यादा रेवेन्यू वसूली करने वाली नगर निगम इस बार टारगेट अचीव करना तो दूर रेवेन्यू वसूली में ही लापरवाह नजर आ रहा है। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने आदेश के बाद जोनों में तैनात टैक्स सुपरिटेंडेट व रेवन्यू इंस्पेक्टर्स जिन्होंने सबसे कम हाउस टैक्स वसूली की है, उनकी लिस्ट बनाई जा रही है। चीफ टैक्स निर्धारण अधिकारी ने सभी जोनल अधिकारियों से सबसे कम वसूली करने वालों की लिस्ट मांगी है। नगर आयुक्त जल्द ही कार्रवाई कर सकते हैं।
दो को जारी हुआ नोटिस
जोन-1 में दो रेवेन्यू इंस्पेक्टर्स को नोटिस भी जारी किया गया है। जोन-1 में टैक्स सुपरिटेंडेट राजू गुप्ता ने 15.71 करोड़ के सापेक्ष 10.44 करोड़ रुपए की ही वसूली की है। इसके अलावा रेवेन्यू इंस्पेक्टर अवनीश पांडेय ने 1.89 करोड़ के सापेक्ष 48.22 लाख रुपए की ही वसूली की है। दोनों को ही नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
टारगेट पूरा करने को 154 करोड़
महापौर ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा की। चीफ टैक्स निर्धारण अधिकारी अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि इस बार का टारगेट 414 करोड़ है, जिसके सापेक्ष 260 करोड़ की वसूली हो चुकी है। ऐेसे में डेढ़ महीने में टारगेट पूरा करने के लिए 154 करोड़ रुपये चाहिए।
जोनवार सर्वे कराया जाएगा। अपार्टमेंट बन गए हैं लेकिन पुराना टैक्स दे रहे हैं और म्यूटेशन भी नहीं हुआ है। सर्वे के साथ ही कैंप लगाया जाएगा। सभी जोनल अफसरों के साथ वह भी बैठेंगी। मौके पर ही समस्या का निस्तारण कराके शुल्क जमा कराया जाएगा ताकि विकास के कामों में और तेजी से हो सकें।
- प्रमिला पांडेय, महापौर