कानपुर (ब्यूरो)। सिटी के पहले मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर का निर्माण दो साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इससे गार्बेज का निस्तारण करने में नगर निगम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरायमीता पनकी में निर्माणाधीन सेंटर का निर्माण करीब एक करोड़ रुपये से किया जा रहा है। इसे 120 दिन में बनाया जाना था, लापरवाही पर नगर आयुक्त ने फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया है.
नोटिस के बाद भी नहीं
नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि श्री महाकालेश्वर इंटरप्राइजेज (प्रो। बबलू विश्वकर्मा) को लगातार नोटिस दिए जाने के बाद उन्होंने 28 फरवरी को काम पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अब तक काम पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में फर्म को ब्लैकलिस्ट किया गया है। फर्म अब नगर निगम के किसी भी टेंडर नहीं ले सकेंगी.
एमआरएफ सेंटर में क्या होना था काम
इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट के तहत सरायमीता में एमआरएफ प्लांट का काम पूरा होते ही जर्मनी से मशीन कानपुर भेजी जानी है। इसके बाद आसपास के तीन वार्डों के गार्बेज को इसी प्लांट में अलग-अलग कर निस्तारित किया जाएगा। इस प्लांट में रोजाना करीब 5 मीट्रिक टन गार्बेज हर दिन निस्तारित किया जा सकेगा। पनकी, सरायमीता, आवास विकास-3 वार्ड से गार्बेज प्लांट में भेजा जाएगा.
समुद्र में कचरा रोकने के लिए इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट
भारत सरकार के स्तर पर एक इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट ऐसे कचरे को समुद्र में जाने से रोकने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसी प्रोजेक्ट के तहत भारतीय और जर्मन के एनवॉयरमेंट एक्सपर्ट गंगा के जरिए समुद्र के मरीन वाटर में बढ़ रहे पॉल्यूशन को रोकने पर काम कर रहे हैं। इसके तहत देश में कानपुर, पोर्टब्लेयर और कोच्चि को ही चुना गया है.