- चौबेपुर पुलिस ने जेल में दर्ज किए विकास को शरण देने वालों के बयान

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KANPUR :बिकरू कांड के बाद दुर्दात विकास दुबे और उसके साथियों को पनाह देने वालों ने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म कबूला है। जेल में चौबेपुर पुलिस की पूछताछ में शातिरों ने विकास और उसके गुगरें की फरारी के दौरान की पूरी कहानी भी बताई है। असलहे की खरीदारी करने वाले ने साफ-साफ बताया है कि बसपा नेता के रिश्तेदार बंटी व मंगल ने ही राइफल व बंदूक खरीदी। इस बयान से मध्य प्रदेश पुलिस के झूठ का पर्दाफाश हो गया है।

एसटीएफ की बात पर मुहर

एसटीएफ ने एक मार्च को विकास दुबे को शरण देने के आरोप में विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला, रामजी उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, संजय परिहार और शुभम पाल के साथ असलहों की खरीद-फरोख्त करने वाले मनीष यादव उर्फ शेरू को जेल भेजा था। उनके पास से दीपू दुबे के नाम पर लाइसेंस वाली सेमी ऑटोमैटिक राइफल समेत असलहों का जखीरा बरामद किया था। एसआईटी ने इन सभी के बयान कोर्ट से अनुमति लेकर लिये। जो तथ्य एसटीएफ ने बताये थे उस पर आरोपियों ने मुहर लगा दी। मददगारों ने बताया कि सबसे पहले प्रभात ने विष्णु से संपर्क किया था। उसके बाद आगे लोगों से संपर्क होता रहा और विकास दुबे,अमर दुबे और प्रभात मिश्रा पांच जुलाई तक कानपुर देहात में रहे उसके बाद फरीदाबाद चले गये।