आप सोच रहे होंगे कि विक्रम भट्ट जैसी फ़िल्मों में आमिर क्या कर रहे हैं। फरहान अख्तर, रितेश सिदवानी और आमिर ख़ान प्रोडक्शन्स की पेशकश तलाश एक ऐसी सस्पेंस फ़िल्म है जो बहुत साल के बाद बॉलीवुड में आई है।
मानना पड़ेगा कि फ़िल्म की कसी हुई पटकथा, अच्छी लिखाई और अच्छे अभिनय ने मुझे पूरे समय बांधे रखा। विद्या बालन की फ़िल्म कहानी के बाद सस्पेंस से भरपूर ये दूसरी ऐसी कहानी है जो कुछ अगल है। इससे पहले आपका संदेह यकीन में बदले मैं ये बता देना चाहूंगा कि तलाश कहीं से भी फ़िल्म कहानी से नहीं मिलती, जैसे की कुछ मीडिया में कहा जा रहा था।
लेकिन मैं ये भी बताना चाहूंगा कि जो लोग हॉलीवुड की इस श्रेणी की फ़िल्मों से प्रभावित रहते हैं, उन्हें कहीं भी हिचकॉक नज़र नहीं आएंगे। तलाश एक तेज़ गति की ना सही पर एक बेहद पहेलीनुमा मौलिक कहानी है। फ़िल्म एक सस्पेंस कहानी के सारे पहलुओं पर खरी तो उतरती है साथ ही एक मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर जैसी फ़िल्मों से कहीं हटकर है।
फ़िल्म में और सब कुछ होते हुए कहानी के कई किरदारों की निजी जिंदगी की कहानी भी कही जा सकती है जिसमें प्रेम, लालच और एक घातक आकर्षण भी है,पर इन सबमें भी एक नयापन है। ऐसा नहीं है कि आमिर, रानी और करीना की ये फ़िल्म आपके बौद्धिक स्तर को चुनौती देगी लेकिन जो सिंघम और दबंग जैसी फ़िल्में देखने के आदी हैं उनको आमिर शायद कुछ कम भाएंगे।
फ़िल्म की कहानी में एक मशहूर फ़िल्म स्टार की मौत हो जाती है। जब पुलिस इंस्पेक्टर शेखावत (आमिर ख़ान) इस अजीबो-गरीब दुर्घटना की तहकीकात शुरू करते हैं तो वो इसमें कुछ ज्यादा ही उलझकर रह जाते हैं।
यहां तक की इससे उनका दाम्पत्य जीवन भी प्रभावित होने लगता है। वो और उनकी पत्नी रोशनी (रानी मुखर्जी) पहले से ही तनाव का जीवन बिता रहे हैं। उनका एक ही बेटा एक दुर्घटना में मारा गया था। तहकीकात के दौरान शेखावत ऐसे कई किरदारों से मिलते हैं जो गुत्थी को और उलझा देते हैं। जैसे तैमूर (नवाज़ुद्दीन), रोज़ी (करीना कपूर) और सुब्रत दत्ता।
आमिर पूरी फ़िल्म में छा जाने के बावजूद फ़िल्म को सारे सीन में जमे नहीं रहते हैं। फ़िल्म में करीना और रानी को भी उतना ही फुटेज़ मिला है जितना ज़रुरी था। एक गंभीर पुलिस इंस्पेक्टर होने के कारण जो उनका चालढाल और समर्पण होना चाहिए था वो आमिर में दिखाई दिया। आमिर फ़िल्म के एक बहुत ही अहम किरदार हैं और इसके लिए जोया अख्तर और रीमा कागती बधाई की हकदार हैं।
रानी भी बेहद भावुक किरदार में नज़र आई हैं और उनकी एक-एक भावाभिव्यक्ति काबिले तारीफ है। करीना भी अपने किरदार के साथ न्याय करती हैं। तलाश उन लोगों को ज़रुर पसंद आएगी जो इंटेंस कहानी और फ़िल्म की खोज में रहते हैं। ये फ़िल्म एक मिस्ट्री होते हुए भी बहुत गंभीरता से एक ताकतवर विषय से जूझती है।
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk