यूं भी बढ़ती उम्र की वजह से अब वो रोमांटिक किरदारों के लिए तो अनफिट होते ही जा रहे हैं क्योंकि उम्र का असर उन पर दिखने लगा है।

फिर दबंग, सिंघम, बॉडीगार्ड और राउडी राठौर जैसी एक्शन फिल्मों की कामयाबी के बाद उन्हें अपनी सोई हुई 'खिलाड़ी सीरीज़' को फिर से जगाने का ख़्याल आया। और ऐसे शुरू हुई 'खिलाड़ी 786' की तैयारी।

फिल्म में खिलाड़ी अक्षय कुमार की वापसी के साथ-साथ एक और शख़्स की वापसी हुई है। और वो हैं बतौर कलाकार हिमेश रेशमिया।

 

जी हां, फिल्म में कहानीकार, संगीतकार और सह-निर्माता की भूमिका निभाने के साथ-साथ वो एक ख़ास भूमिका में भी है।

जैसा कि हाल के कुछ समय में रिलीज़ हुई 100 करोड़ रुपए कमाने वाली फिल्मों में तर्क को किनारे पर रखकर बेसिर-पैर की कहानी परोसी गई है, कुछ वैसा ही प्रयास इस फिल्म में दिखता है।

कहानी

कहानी के नाम पर बस जैसे-तैसे करके ताना-बाना बुन दिया गया है।

अक्षय कुमार फिल्म में लूट-मार करते हैं लेकिन उनका किरदार कुछ रॉबिन हुड सरीखा है। क्योंकि वो लूटा हुआ माल ग़रीबों में बांट देता था। वो लात घूंसे मारकर गुंडों को हवा में उड़ाता है और भला आदमी बनकर लोगों का दिल जीत लेता है।

फिल्म में पुराने अक्षय कुमार की ज़रा भी झलक नहीं मिलती।

क्या आप अभी से जम्हाई लेने लगे हैं। ज़रा ठहरिए। यहां पर एंट्री होती है इंदु (असिन) जो एक गैंग लीडर टीटी भाई (मिथुन चक्रवर्ती) की बहन है और अपने प्रेमी (राहुल सिंह) की चाहत में हर अच्छा रिश्ता ठुकराती जाती है।

कहानी में पदार्पण होता है मैरिज एजेंट मनसुख लाल (हिमेश रेशमिया) का जो टीटी भाई की बहन यानी इंदू की शादी बहत्तर सिंह यानी खिलाड़ी 786 (अक्षय कुमार) से कराने की ठान लेता है।

वो एक चाल चलता है जिसमें टीटी भाई, बहत्तर सिंह, उसके पिता सत्तर सिंह (राज बब्बर) और चाचा इकहत्तर सिंह ( मुकेश ऋषि) को फंसाता है।

निराश करती है फिल्म

खिलाड़ी 786

    कलाकार: अक्षय कुमार, असिन, मिथुन चक्रवर्ती, हिमेश रेशमिया

    निर्माता: हिमेश रेशमिया और अक्षय कुमार

    संगीत: हिमेश रेशमिया

    निर्देशक: आशीष आर मोहन

    रेटिंग: *1/2

अगर आप फिल्म के टाइटल में 'खिलाड़ी' शब्द सुनकर पुराने अक्षय कुमार की खोज में जा रहे हैं तो ये 'खिलाड़ी 786' आपको बुरी तरह से निराश करेगी।

इसमें पुराने 'खिलाड़ी कुमार' की कोई झलक नहीं है। फिल्म में एक्शन दृश्य ज़रूर अच्छे हैं, लेकिन आजकल तो हर दूसरी फिल्म में एक्शन बेमिसाल होता है।

फिल्म के कई गीत ज़रूर इसकी रिलीज़ से पहले ही चर्चित हो चुके थे, जैसे हुक्का, बलमा, लोनली और लॉन्ग ड्राइव।

फिल्म में कई किरदार जैसे राहुल सिंह या राजेश खट्टर, भारती सिंह के बेहद अटपटे किरदार हैं जो बेकार में हंसाने की कोशिश करते हुए नज़र आते हैं।

रहे अक्षय कुमार। क्या उनमें 'ख़ान पावर' है। जवाब है नहीं। ना तो उनके पास सलमान ख़ान जैसी ज़बरदस्त फैन फॉलोइंग है ना ही शाहरुख जैसा करिश्मा। ऐसे में 'खिलाड़ी 786' कितनी कामयाब हो पाएगी, ये बड़ा सवाल है।

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