कानपुर(ब्यूरो)। फास्ट पुलिसिंग और पब्लिक को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था देने के लिए जरूरी संसाधन को लेकर पुलिस विभाग अक्सर बजट का रोना रोता है। यानि बजट की कमी के कारण व्यवस्थाएं ठीक नहीं हो पा रही हैं। बजट मिल जाए तो गाडिय़ां खरीद ली जाएं, बजट मिल जाए तो आम्र्स आ जाएं.लेकिन दूसरी ओर हकीकत ये है कि कानपुर कमिश्नरेट को पिछले साल जो बजट मिला था उसमें आधा भी नहीं खर्च हो पाया। 70 करोड़ के बजट में 40 करोड़ खर्च न होने से वापस चले गए। वहीं वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने कानपुर कमिश्नरेट के लिए 47 करोड़ का बजट फिर दिया गया। जिससे पुलिसिंग को हाईटेक करने के साथ मजबूत बनाया जाएगा।
मजबूत होगा सर्विलांस
प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते जारी बजट में कानपुर कमिश्नरेट के लिए 47 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है उसमें से ट्रैफिक व्यवस्था के लिए 12 करोड़ रुपये मिले हैैं। इस बजट से पुलिस को हाईटेक वेपंस से लैस किया जाएगा। साथ ही सर्विलांस सिस्टम को भी मजबूत बनाया जाएगा। पुलिस अधिकारियों की माने तो जिन थानों में व्हीकल्स पुराने हो गए हैैं, वहां के लिए नए व्हीकल्स दिए जाएंगे। पुलिस अस्पताल, पुलिसकर्मियों के बच्चों को खेलने के लिए पार्क और इलाज की बेहतर सुविधा के लिए भी प्लान बनाया गया है।
12 करोड़ से ट्रैफिक व्यवस्था
कानपुर का कोई भी इलाका हो। पीक ऑवर्स हों या नॉर्मल ऑवर्स। ट्रैफिक जाम यहां सबसे बड़ी समस्या बन गया है। जाम की समस्या से निपटने के लिए शहर में बनाई गई स्टेयरिंग कमेटी ने जो प्रस्ताव भेजा था उसे शासन ने मंजूर कर लिया है। अब शासन से बजट पास होने के बाद जाम से निजात दिलाने के लिए क्या-क्या खरीदना है, इस पर मंथन किया जाना बाकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बीते साल में जो फंड यूज नहीं हो पाया था, उसे वापस भेज दिया गया है। इस साल बजट में पास हुआ फंड अप्रैल के फस्र्ट वीक में आएगा।
आंतक से लडऩे के लिए
इस साल पास हुए बजट से एटीएस, एसटीएफ, एलआईयू और इंटेलीजेंस के ऑफिस भी मजबूत जगह बनाए जाएंगे, जिससे आम आदमी को गोपनीय ऑफिस की जानकारी न हो सके। फील्ड यूनिट के पास कोई अपना ऑफिस नहीं है, जिसे बनाने की कवायद इस बार की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नए पुलिसकर्मियों के लिए हाईटेक बैरिक बनाने की भी योजना है, जिसे इस साल पूरा किया जाना है। आतंकवाद से लडऩे के लिए भी पुलिस कर्मियों को मजबूत बनाने के लिए ट्रेनिंग का फंड भी इसी में शामिल होगा।
महिला सुरक्षा के लिए भी
पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस बार कानपुर कमिश्नरेट के बेड़े में 158 महिला पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है। इन्हें महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए पिंक पुलिस चौकी, थाने और पब्लिक प्लेसेस पर लगाया जाएगा।
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बीते साल पुलिस के लिए हुए काम
- आउटर जिले की पुिलस लाइन का निर्माण।
- चार थाने और पांच पुलिस चौकियां बनाई गईं।
- माउंटेन पुिलस की घुड़साल का जीर्णोद्धार।
- हाईटेक कमिश्नरेट को लाए गए पीटीजेड कैमरे।
- ट्रैफिक पुलिस के लिए लाए गए नए इक्विपमेंट।
- पुरानी बिल्डिंग में बनाए अधिकारियों के ऑफिस
- आवास, ऑफिस और कमांड ऑफिस का जीर्णोद्धार।
- कमिश्नरेट में आए नए अधिकारियों के आवास की मरम्मत।
- पुलिस अस्पताल, ब्लड बैैंक के साथ ऑक्सीजन बैैंक
बीते साल नहीं हो पाए ये काम
- रोड इंजीनियरिंग के द्वारा हादसे रोकने का इंतजाम
- माउंटेन पुलिस ने लिए नए घोड़े नहीं खरीदे जा सके।
- साइबर ठगी रोकने के लिए लैब नहीं बन पाई।
- सर्विलांस को भी नहीं मिल पाया नया ऑफिस
- काफी प्रयासों के बाद कमिश्नरेट ऑफिस नहीं बन सका।
इस साल होने हैैं ये काम
- हाईटेक वेपंस की खरीदारी
- सर्विलांस सेल की मजबूती
- सूचना तंत्र मजबूत करना।
- आवास का इंतजाम करना।
- अस्पताल का विकास करना।
- पुलिस ऑफिस और आवास
- पुराने थानों की मरम्मत
- नए थाने-चौकियों का निर्माण
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पिछले साल का बचा हुआ बजट वापस गया है। वही इस बार कमिश्नरेट पुलिस को हाईटेक करने के लिए शासन से जो बजट मंजूर हुआ है, उसके मुताबिक योजना बनाकर काम किया जाएगा।
बीपी जोगदंड, पुलिस कमिश्नर