कानपुर (ब्यूरो)। शिवली के भक्तिन पुरवा मैथा ब्लॉक में बाबू लाल कुशवाह का मकान बुधवार सुबह अचानक ढह गया। मलबे में दबकर पूरा परिवार घायल हो गया। तीन बच्चों समेत पांच लोगों को हैलट में भर्ती कराया गया है। भगवान का शुक्र रहा कि सभी की जान बच गई। लेकिन, शहर में सैकड़ों पुराने और जर्जर मकान हैं जिनमें हजारों लोग रहे रहे हैं। बारिश की सीजन आते ही इन मकानों में रह रहे लोगों पर मौत का खतरा मंडराने लगता है। नगर निगम ने ऐसे मकानों को चिन्हित भी किया है लेकिन घर खाली करने का सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया है। जबकि जर्जर मकानों के ढहने और मलबे में दबकर मौत के कई मामले पहले हो चुके हैं।
429 जर्जर मकान चिन्हित
बरसात में कच्चे व जर्जर मकानों के लिए खतरा बढ़ जाता है। सिटी में पहले से ही 429 ऐसे मकानों को चिन्हित किया गया जो काफी जर्जर हालत में है और वहां कभी भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा नगर निगम में हर दूसरी कंप्लेन जर्जर मकानों की आ रही है। एक सप्ताह में आधा दर्जन से ज्यादा शिकायतें जर्जर मकानों की हैं। विभाग उनका सर्वे कराके नोटिस तो थमा देता है पर उसे गिराने का फैसला अधर में रहता है। कई लोग कोर्ट भी चले जाते हैं।
तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान मुसीबत में
नगर निगम के रिकॉर्ड में सिटी में 429 जर्जर और गिराने लायक मकानों चिन्हित किया गया है। इससे सबसे ज्यादा जर्जर मकान जोन एक में हैं। जिनकी संख्या 222 है। इन मकानों को खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है। भवनों में करीब तीन हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। कई जगहों पर तो जर्जर भवनों में ही फैक्ट्री, गोदाम व बड़ी बड़ी दुकानें तक चल रही हैं।
इन एरिया में सबसे ज्यादा शिकायतें
पुराना कानपुर। कर्नलगंज, चमनगंज, बादशाहीनाका, ग्वालटोली, चंद्रनगर, जूही, नई सडक़, कुली बाजार, लक्ष्मीपुरवा, लाठीमोहाल, सिरकीमोहाल, नौघड़ा, बांसमंडी, जवाहर नगर, नेहरू नगर, चंद्र नगर, पी रोड, अनवरगंज, बेकनगंज, बंदरिया हाता, लाटूश रोड, फहीमाबाद, कछियाना, चटाई मोहाल, नयागंज, मनीराम बगिया, टोपी बाजार, मछलीबाजार और हरबंशमोहाल क्षेत्र आदि।