कानपुर (ब्यूरो) व्यवस्था में किया गया बदलाव
- पहले यहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। अब पूरे क्लॉक रूम में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए है। जिससे पूरा रूम कवर हो रहा है।
- लगेज में बारकोड स्लिप लगाने का भी सिस्टम चालू कर दिया गया है। जिसको मोबाइल से स्कैन करने के बाद ही पैसेंजर्स का लगेज वापस किया जाएगा।
- रिसीविंग स्लिप खो जाने की कंडीशन पर पैसेंजर्स को थाने में मुकदमा दर्ज कराना होगा। जिसके बाद ही लगेज पैसेंजर को हैंडओवर किया जाएगा।


ऑनलाइन बुकिंग से सेव रहेगा डाटा
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 10 दिन पहले तक क्लॉक रूम को रेलवे कर्मचारी संचालित कर रहे थे। पूरा सिस्टम मैनुअल था। पैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए क्लॉक रूम को प्राइवेट कंपनी को दे दिया गया है। जिन्होंने लगेज की काउंटर से ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू की है। इससे पैसेंजर के लगेज व नाम, पता का पूरा डाटा सेव रहेगा। वह सालों के बाद भी आएगा तो एक क्लिक में पैसेंजर का पूरा डाटा निकल आएगा।

15 रुपए प्रति लगेज चार्ज
एनसीआर सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि क्लॉक रूम में पहले की तरह ही 15 रुपए पर लगेज चार्ज निर्धारित किया गया है। क्लॉक रूम आउटसोर्सिंग में जाने के बावजूद चार्ज नहीं बढ़ाया गया है। पैसेंजर्स को चार्ज तो पुराने लगेंगे लेकिन सुविधाएं नई मिलेंगी।

हाईलाइट्स
- 50 से अधिक पैसेंजर्स डेली क्लॉक रूम का करते यूज
- 15 रुपए पर लगेज है, छोटा व बड़ा किसी भी तरह का
- 5 लाख रुपए में एक साल का कॉन्ट्रेक्ट कंपनी को दिया गया
- 3 स्टेशनों पर एनसीआर रीजन में यह सुविधा शुरू की गई है
- 12 घंटे तक सामान रखने का 15 रुपए पर लगेज चार्ज होगा
- 12 घंटे से अधिक होने पर 20 रुपए पर लगेज चार्ज देने पड़ेंगे

पायल प्रोजेक्ट के तहत एनसीआर रीजन के कानपुर समेत तीन स्टेशनों के क्लॉक रूम को आउट सोर्सिंग में दिया गया है। जिससे पैसेंजर्स का लगेज पहले से अधिक सुरक्षित होने के साथ ही रेलवे को आए भी होगी।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, एनसीआर