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KANPUR : कंट्री में करीब 52 प्रतिशत यूथ वोट होने के कारण इस बार लोकसभा चुनाव में इन यूथ का भी बहुत ही इंम्पार्टेंट रोल होगा। अपने मुद्दों को लेकर वोट यूथ काफी एक्टिव और जोश से भरे नजर आ रहे हैं। उनके चुनावी मुद्दे साफ हैं और इस बार वो वोट भी सिर्फ ऐसे ही नेता और पार्टी को देने का मन बना चुके हैं, जो सिर्फ बातों से जनता को न लुभाए बल्कि काम करके भी दिखाए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऐसे ही यूथ को मिलेनियल्स स्पीक के थ्रू रोज एक नया मंच प्रोवाइड करा रहा है, जहां वो अपने मुद्दों को खुले रूप से जनता के सामने रख सकते हैं। 'मिलेनियल्स स्पीकÓ में शामिल यूथ पढ़े लिखे और समझदार हैं, वो उसी को वोट देंगे जो उनके चुनावी मुद्दों को उठाए। यूथ के कुछ इन्हीं मुद्दों को जानने के लिए सैटरडे को हमारी टीम मदर टेरेसा मेमोरियल सोसाइटी जूही पहुंची। तो आइये दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी के साथ मिलेनियल्यस के मुद्दे जानते हैं।
क्राइम से रिलीफ देने वाले को वोट
हाथों में चाय के कप के साथ यूथ से चुनावी मुद्दे पर बातचीत शुरू हुई तो मयंक त्रिपाठी, विशाल मिश्रा ने कहा कि कंट्री में अभी भी डेवलपमेंट की जरूरत है। हम टेक्निकल क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन डेवलपमेंट के क्षेत्र में और आगे निकलने की जरूरत है। कहा क्रिमिनल्स में पहले की अपेक्षा डर दिखाई देता है। हीनियस क्राइम में इसी कारण कमी आई है। क्राइम कंट्रोल और सेफ्टी की बात करने वाली पार्टी और नेता को अपनी कंट्री की कमान सौंपने की बात कही। कंट्री के डेवलपमेंट में साफ सफाई और लोगों की जिम्मेदारी का भी अहम रोल होता है। ऐसे में जो शहर में रूल्स को फॉलो न करे उसे सजा का प्रावधान हो।
समय और पैसे की बर्बादी रुके
इस बीच मोहित त्रिपाठी व दीपक उठ खड़े हुए और बोले कि हमें डेवलपमेंट की जरूरत है। योजनाएं बनती हैं लेकिन, उनको धरातल पर उतरने में समय लग जाता है। इससे समय के साथ जनता के पैसों की बर्बादी होती है। इसलिए, ऐसे व्यक्ति को वोट देंगे जो डेवलमेंट की बात करेगा। कहा चुनाव नजदीक होता है तो पार्टियों के नेता घरों के चक्कर लगाने लगते हैं। एक बार जीतने के बाद उनका चेहरा देख पाना भी मुश्किल होता है। ऐसा नेता चाहिए, जो जनता के साथ हर अच्छे और बुरे वक्त में साथ खड़ा हो सके। पीएम की गद्दी पर ऐसे शख्स को बैठना चाहिए, जो सिर्फ बात न करें बल्कि, यूथ के हित में काम करके भी दिखाए।
आतंकवाद के मुद्दे पर आक्रोश
चुनावी मुद्दे की बात चल ही रही थी कि पास से आतंकवादी विरोधी जुलूस निकला, जिस पर यूथ में भी पुलवामा में सैनिकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर बातचीत शुरू हो गई। आतंकवाद और पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर यूथ में आक्रोश देखने को मिला। आरिफ खान, सुजीत मिश्रा ने कहा कि जब हमें इस बात का विश्वास दिलाया जा रहा था कि हम आतंकवादियों से सेफ हैं तो फिर यह हमला कैसे हुआ। उनका कहना था कि ऐसी पार्टी को वोट देंगे जो आतंकियों के सफाए और कश्मीर से पाकिस्तानियों को खदेडऩे की बात करेंगे।
यूथ को सौंपी जाए कमान
मयंक और अनुराग ने कहा कि सभी पार्टियों को यूथ को मौका देना चाहिए। पार्टी का नाम लिए बिना कहा शहर के सांसद जीतने केबाद न तो कभी जनता के बीच दिखाई दिए और न ही कोई डेवलपमेंट कराया। ऐसे में अगर कोई युवा सांसद होता तो शहर की तस्वीर बदलने का काम करता। कहाकि यूथ, शिक्षित और मिलनसार नेता को ही अपना वोट देंगे।
हर व्यक्ति को मिले फ्री इलाज
युवाओं ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल सिर्फ उनके लिए हैं, जिनके पास पैसा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकारी हॉस्पिटल्स की व्यवस्थाएं प्राइवेट जैसी होनी चाहिए ताकि गरीब को भी बिना पैसा अच्छा इलाज मिल सके। साफ सफाई और पैशेंट्स के लिए समर्पित डॉक्टर्स हों तो हमारी इमेज भी अन्य कंट्री के साथ एब्रॉड में बहुत ही सम्मानजनक होगी।
करप्शन खत्म करने की हो बात
संजू, विजय वर्मा ने कहा चुनाव आते ही पार्टी के नेता तमाम वादे करने लगते हैं। इनमें कुछ जनता के मतलब के होते हैं, तो कुछ उनके खुद के मतलब के होते हैं। इस करप्शन का जड़ से खात्मा करने वाला चाहिए। छोटे से काम से लेकर बड़े स्तर के काम तक बिना कमीशनखोरी के नहीं होता है। ऐसे लोगों के आजकल खूब वीडियो वायरल होते हैं। मीडिया ऐसे मुद्दों को उठा कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई कराए । हम ऐसी ही पार्टी को वोट करेंगे जो कंट्री से करप्शन का खात्मा कर सके।
विमेन इम्पॉवरमेंट की हो बात
काजल व सौम्या ने कहा कि विमेन सेफ्टी के साथ ही विमेन इम्पॉवरमेंट की भी बात होनी चाहिए। विमेन के लिए अलग से योजनाएं चलाई जाएं, जिनसे उन्हें किसी के सहारे की जरूरत न पड़े। विमेन सेफ्टी भी उतना ही उबलता हुआ मुद्दा है। अक्सर कोचिंग, कॉलेज से लौटते वक्त लड़कियों से शोहदे छेड़छाड़ करते हैं। उनके मन में इतना डर होना चाहिए कि वो किसी के साथ ऐसी हरकत करने से पहले सोचे। ऐसी गवर्नमेंट चाहिए जो कानून व्यवस्था में सुधार कर सके। हम ऐसे ही नेता को वोट देंगे, जो इन मुद्दों पर बात करेगा।
मिलेनियल्स वर्जन-
- पार्टियों में यूथ को मौका मिलना चाहिए। आज का यूथ एजूकेटेड, शार्प माइंड और लोगों की जरूरतों को समझने वाला है। ऐसे लोग पालीटिक्स में आएंगे तो अपने क्षेत्र और कंट्री की हालत को सुधारने का प्रयास करेंगे।
- युवाओं को डेवलपमेंट, इम्प्लॉयमेंट और सेफ्टी चाहिए। इससे वो समाज में अपनी अलग पहचान बना सकें। पढ़ाई लिखाई करने के बाद यूथ को बाहर न जाना पड़े गवर्नमेंट को इस ओर भी फोकस करना चाहिए।
- शिक्षा और स्वास्थ्य लोगों को हमेशा से मुद्दा रहा है। कुछ बदलाव भी दिख रहे हैं। लेकिन, अभी भी काफी बदलाव की जरूरत है। गर्वनमेंट हॉस्पिटल में लोगों के साथ बदसलूकी पर भी लगाम लगनी चाहिए।
- भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा से उठता रहा है, लेकिन कोई गवर्नमेंट इस पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगा पाई है। कुछ नेता तो सिर्फ जेब भरने के लिए चुनाव लड़ते हैं और जीतने के बाद उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं होता है।
- वर्तमान गवर्नमेंट में कई ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं, जो यूथ के मतलब की हैं। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए सिर्फ उन्हें सही गाइडेंस की जरूरत है। गवर्नमेंट में लगभग सब ठीक है। डेवलपमेंट पर काम होना बाकी है।
- चुनाव से पहले नेता घरों के बाहर दिखाई देते हैं। जबकि, सच्चा नेता वही है, जो चुनाव जीतने के बाद भी जनता के बीच में रह कर उनकी समस्याओं को समझे और उन समस्याओं से छुटकारा भी दिलाए।
- स्टडी और जॉब के लिए लोग बाहर चले जाते हैं। कंट्री में कई बार उनके मतलब का काम नहीं मिल पाता है। अगर उन्हें अपनी काबलियत के अनुसार यहां ही सब कुछ मिल जाए तो तो कोई भी कंट्री न छोड़े।
कड़क मुद्दा
करप्शन को मिटाने के लिए बातें की जाती हैं। लेकिन, आज तक कोई गवर्नमेंट उसे दूर नहीं कर सकी है। अभी कुछ दिनों पहले ही ट्रैफिक पुलिस के करप्शन को मिटाने के लिए करोड़ों रुपए के बॉडी वार्न कैमरों की खरीद हुई थी। कुछ दिनों तक यह कैमरे सिपाहियों की पॉकेट में नजर भी आए लेकिन, इसके बाद अचानक से यह गायब हो गए। यहां यह बात बताने का मकसद सिर्फ इतना है कि गवर्नमेंट योजनाएं तो लाती है पर उसे लागू करने में असफल हो जाती है। इन कमियों को दूर करने वाली सरकार चाहिए।
मेरी बात
हमें चुनाव पर लुभावने वादे करने वाले नेता नहीं चाहिए। जीत कर अपने घर बैठने वाले नेता भी नहीं चाहिए। हमें जुझारू, एजूकेटेड और समय पर मिलने वाला नेता चाहिए। ऐसी ही पार्टी की गवर्नमेंट भी बननी चाहिए। डेवलपमेंट थम सा गया है। लेकिन, अन्य चीजों में सुधार दिखाई देता है। सबसे ज्यादा कुछ बदला लगता है तो कानून व्यवस्था काफी सुधरी है। शहर में कुछ और हाइली एजूकेशन इस्टीट्यूशन होने चाहिए, जहां स्टडी करने के लिए कंट्री से ही नहीं, बल्कि एब्रॉड से भी स्टूडेंट्स पहुंचे।
वर्जन
मुद्दे बहुत से हैं लेकिन सब पर एक साथ अमल कर पाना किसी भी गवर्नमेंट के लिए मुश्किल होता है। प्रजेंट गवर्नमेंट की बात करें तो बहुत सी अच्छाइयां भी देखने को मिलती है। बात अगर गवर्नमेंट ऑफिस की करें तो अब अधिकारी से लेकर कर्मचारी टाइम से पहुंचे दिखाई देते हैं। जबकि, पूर्व में सरकारी नौकरी का मतलब भी यही अधिकारी और कर्मचारी ही बताते थे। ऐसी गवर्नमेंट चाहिए, जो देश को समृद्धि की ओर मोड़े। अगर सभी डिपार्टमेंट से भ्रष्टाचार का सफाया हो जाए तो यूथ का भी भला हो सकता है।
- यूथ को अपने विवेक से नेता चुनना चाहिए। कई बार हम अपने निजी फायदों के लिए लोगों को भी भ्रमित करने का काम करते हैं। किसी भी नेता के लुभावने वादों से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से सोच समझ लेना चाहिए। यूथ के मतलब के मुद्दों पर बात करने वाले को अपना वोट देना है। लोगों में सिविक सेंस भी डेवलप हुआ है। मैंने खुद बच्चों को बड़े लोगों को सड़क पर गंदगी फैलाने से रोकते हुए देखा है। बच्चों को जो शिक्षा बचपन में दी जाती है वही सारी उम्र उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए, मेरा मुद्दा शिक्षा का स्तर सुधारना है। शिक्षित होना ही सभी समस्याओं का एक मात्र हल हो सकता है।