कानपुर (ब्यूरो)। तमाम उतार चढ़ाव, अड़चनों और मुसीबतों से लड़ते हुए आखिरकार नाइजीरिया में 13 महीने से फंसे मर्चेंट नेवी ऑफिसर रोशन अरोरा की घर वापसी हो गई। बेटे को देखते ही माता-पिता की आंखों से खुशी आंसुओं को दरिया बह निकला। माला पहनाकर स्वागत हुआ। जमकर आतिशबाजी हुई। ढोल नगाड़े बजे। शादी बारात जैसा जश्न। और हो भी क्यों न। कई बार बेटे के घर लौटने की उम्मीद टूटती दिखाई दी लेकिन हौसला बनाए रखा और आखिरकार 13 महीने बाद गोविंद नगर निवासी अशोक अरोरा का घर फिर से रोशन हो गया।
26 क्रू मेंबर्स फंसे हुए थे
कच्चा तेल लेने गए ओएसएस कंपनी के शिप को नाइजीरिया ने 8 अगस्त 2022 को कब्जे में ले लिया था। शिप में मौजूद 26 क्रू मेंबर्स नाइजीरिया में हिरासत में थे और उन्हें शिप पर ही बंधक बनाकर रखा गया था। जिनमें एक रोशन अरोरा कानपुर के गोविंद नगर लेबर कॉलोनी का रहने वाले थे। क्रू मेंबर्स ने कंपनी व विदेश मंत्रालय से मुक्त कराने के लिए हेल्प मांगी थीं। विदेश मंत्रालय के हस्ताक्षेप के बाद नाइजीरिया में कई महीने तक चलीं सुनवाई के बाद दो जून को उन्हें रिलीव किया गया। 8 दिन बाद कानूनी कार्रवाई के बाद रोशन अरोरा शनिवार शाम सकुशल अपने घर पहुंचा।
कंपनी ने भरा भारी जुर्माना
रोशन अरोरा ने बताया कि वह ओएसएम शिप मैनेजमेंट कंपनी का क्रू मेंबर है। कंपनी के शिप पर 10 मई 2022 को बोर्डिंग की थी। कंपनी का शिप नाइजीरिया कच्चा तेल लेने के लिए निकला था। 8 अगस्त को शिप को नाइजीरिया की नेवी ने तेल चोरी के आरोप में उनकी शिप को कब्जे में लेकर क्रू मेंबर्स को भी हिरासत में ले लिया था। जांच के बाद शिप को नाइजीरिया नेवी ने आगे बढऩे की इजाजत दे दी। शिप आगे बढऩे पर गिनी पहुंचा तो वहां दोबारा उन्हें रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। आरोप लगाए कि शिप ने उनके देश के नियमों को फॉलो नहीं किया। गिनी सरकार ने कंपनी पर भारी भरकम जुर्माना लगा दिया। ओएसएम कंपनी ने जुर्माने का भुगतान भी कर दिया था। इसके बाद नवंबर 2022 से मई 2023 तक कंपनी का शिप नाइजीरिया के कब्जे में रहा।
शिप में फंसे 16 भारतीय थे
रोशन ने बताया कि शिप में 26 क्रू मेंबर्स थे। जिसमें 16 भारतीय थे जबकि 8 श्रीलंका के और एक पोलैंड व फिलीपिंस का नागरिक थे। रोशन ने बताया कि नाइजीरिया में उन्हें शिप में ही 13 महीने तक रखा गया था। इस दौरान उनकी सुनवाई नाइजीरिया की कोर्ट में होती थी। 13-13 मेंबर्स की सुनवाई एक बार में होती थीं। रोशन ने बताया कि उसके व अन्य क्रू मेबर्स के साथ नाइजीरिया गवर्मेंट ने किसी तरह का मिसबिहेव नहीं किया। बस कम्यूनिकेशन प्रॉब्लम जरूर फेस करनी पड़ी। दस दिन में केवल एक बार उन्हें फैमिली मेंबर्स से बात करने के लिए फोन दिया जाता था। केवल आधा घंटे का समय दिया जाता था।
हौसला बनाए रखा
रोशन ने बताया कि शुरू के तीन महीने सब ठीक था। इसके बाद जब हमें गिनी देश के ऑफिशियल्स ने अरेस्ट किया। कुछ इश्यू होने के चलते हम लोग डर गए थे। इसके बाद हम लोगों ने मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स और गवर्मेंट से हेल्प मांगी। स्थानीय स्तर पर भी जनप्रतिनिधि से हेल्प मांगी। इस दौरान हमने कुछ गलत किया नहीं। इसलिए विश्वास था कि ऊपर वाला हमारे साथ कुछ गलत होने नहीं देगा। एक न एक दिन हमें घर जाना है। थोड़ा धैर्य रखकर स्थितियों का सामना करते रहे।
अफसर के रूप में पहली शिप थी
रोशन ओएसएम कंपनी में पिछले पांच साल से जॉब कर रहा है। 10 मई 2022 को नाइजीरिया जाने वाली शिप में वह पहली बार ऑफिसर के पद पर तैनात था। रोशन ने बताया कि 13 माह बाद उन्हें 2 जून को जब पता चला कि वह अब अपने घर लौटने वाला है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उसने कॉल कर सबसे पहले अपने फैमिली मेंबर्स को यह खुशी शेयर की। 2 जून को सभी क्रू मेंबर्स को उनकी शिप से नाइजीरिया से केपटाउन सिटी लाया गया और वहां से फ्लाइट के जरिए अपने अपने घरों के लिए भेजा गया।