- हैलट में पेशेंट्स के लिए बची सिर्फ एक हफ्ते की मेडिसिन
-कोविड, नॉन कोविड पेशेंट्स को दी जाने वाली ज्यादातर दवाएं खत्म
KANPUR (29 Sept):
कोविड-19 से बचने के लिए मास्क ही बचाव है जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है। मास्क जरूर लगाएं क्योंकि कोविड पेशेंट्स को दी जाने वाली दवाओं में किल्लत होने की बात सामने आने लगी है। हैलट हॉस्पिटल में दवाओं की किल्लत शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमित पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में लगने वाली हाई एंटीबायोटिक दवाएं भी खत्म हैं। ऐसे में अब कोरोना पेशेंट्स के इलाज में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कई बार शासन तक बात पहुंचाई गई, लेकिन कोई सॉल्यूशन नहीं निकल सका।
क्या बदले नियम?
हैलट प्रशासन के मुताबिक, जुलाई से नई व्यवस्था लागू हुई है। इसके बाद से खरीदारी नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि 2020-21 फाइनेंशियल ईयर से ही हॉस्पिटल में 80 परसेंट दवाएं उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन यानी यूपीएमएससी करेगा, जबकि 20 परसेंट जरूरी दवाओं की खरीद स्थानीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन टेंडर के जरिए होनी है।
666 दवाओं का स्टॉक नहीं मिला
अस्पताल प्रशासन 666 जरूरी दवाओं की लिस्ट यूपीएमएससी को भेजी लेकिन दवाओं का स्टॉक नहीं मिला। रिमाइंडर डाले पर हुआ कुछ नहीं। सप्लाई नहीं होने से मुख्य औषधि भंडार का स्टॉक खत्म होता गया।
यह हो रहा खत्म
- 62 अति जरूरी दवाएं का स्टॉक खत्म
- कोरोना पेशेंट्स को दिया जाने वाला इंजेक्शन मेरोपेनम
- खून पतला करने वाले इंजेक्शन नहीं है
- एंटीबायोटिक इंजेक्शन टैजोवेक्टम और पिपरासिलिन भी नहीं हैं।
- औषधि रसायन में खर्च होने वाली 20 परसेंट रकम ऑक्सीजन खरीदने में खर्च हो गई
''दवाओं की खरीद के लिए कोर कमेटी बनाई गई है। उसकी सहमति पर 25 लाख रुपए के ऑर्डर दिए गए हैं। शासन से 80 व 20 परसेंट दवाओं की खरीद को लेकर अभी तक शासनादेश नहीं मिला है.''
-प्रो। आरबी कमल, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।