- एसआईटी जांच के बाद एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मांगा गया स्पष्टीकरण

- जानकारी होने पर भी नहीं की तैयारी, वायरल ऑडियो भी एसआईटी ने शामिल किए जांच में

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KANPUR : बिकरूकांड में वर्तमान एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। एसओ को दुर्दात विकास दुबे से मिलीभगत और दबिश की जानकारी थी लेकिन एसपी ने उसको गंभीरता से नहीं लिया। आधी-अधूरी तैयारी के साथ फोर्स ने दबिश दी। दबिश का प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किया गया। ये खुलासा एसआईटी की जांच में हुआ है। एसआईटी ने एसपी को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। एसआईटी ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र को भी दोषी ठहराया है, क्योंकि चौबेपुर थाना उन्हीं के सर्किल में आता है।

दबिश आसान नहीं वो बड़ा अपराधी

विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बिकरू में दबिश देने की जानकारी थानेदार से लेकर एसएसपी तक थी। शहीद सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र ने ये जानकारी एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दी थी। सीओ ने कहा था कि विकास दुबे के गांव में दबिश देना आसान नहीं है। वो बड़ा अपराधी है। थानेदार उससे मिला हुआ है। पर, इन सभी बातों को एसपी ने बहुत गंभीरता से नहीं लिया था। कुछ ही देर बाद जब दबिश दी गई तो आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। एसआईटी ने इसके पीछे एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव की बड़ी लापरवाही मानी है। इसलिए स्पष्टीकरण मांगा गया है।

क्या लिखा एसआईटी िरपोर्ट में?

एसआईटी की रिपोर्ट लिखा गया है कि खूंखार अपराधी के घर दबिश देने की कोई योजना एसपी ने नहीं बनाई। उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया। बॉडी प्रोटेक्टर समेत अन्य दबिश के प्रोटोकॉल का भी दरकिनार कर दिया गया। तय समय में एसपी को स्पष्टीकरण देना है। स्पष्टीकरण के आधार पर शासन एसपी पर आगे की कार्रवाइर्1 करेगा।

अहम साबित हुई कॉल िरकॉर्डिंग

वारदात के बाद कई कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हुईं। जिसमें एक दो रिकॉर्डिंग एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार व शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की बातचीत की भी हैं। कॉल रिकॉर्डिंग में सीओ ने एसपी से कहा था कि थानेदार यानी पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी, विकास दुबे के पैर छूता है। उसका नाम दबिश में न आए, इसलिए मुझे साथ में चलने को कह रहा है। सीओ ने ये भी कहा कि साठगांठ से कभी भी बड़ी वारदात हो सकती है। इस पर एसपी हां, हां और अच्छा करते सुनाई दिए। इन कॉल रिकॉर्डिंग को एसआईटी ने जांच में शामिल किया था। जिससे स्पष्ट हुआ कि एसपी ने मसले को गंभीरता से नहीं लिया।