स्कॉटलैंड के आगल की रहने वाली मार्था पेयन स्कूल में मिलने वाले भोजन पर एक ब्लॉग लिखती थी और इसे तीस लाख से ज्यादा लोगों ने पढ़ा और पसंद किया था। आगल और ब्यूट काउंसिल का कहना है कि इस ब्लॉग को मिली प्रेस कवरेज के कारण केटरिंग स्टॉफ को अपनी नौकरी को लेकर ख़तरा पैदा हो गया था। लेकिन काउंसिल के नेता रोडी मेकउश ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से इस प्रतिबंध को तुरंत हटाने को कहा है।
स्कूल जाने वाली बच्ची मार्थी पेयन के पिता डेविड पेयन ने उन्हें ये ब्लॉग बनाने में मदद की थी। ब्लॉग पर प्रतिबंध हटने के फैसले का डेविड पेयन ने स्वागत किया है। मार्था ने अपने लॉचगिलप्हेड प्राइमेरी स्कूल में मिलने वाले भोजन की तस्वीरें अपने ब्लॉग पर 30 अप्रैल से प्रकाशित करनी शुरु की थी।
उन्होंने प्रतिदिन स्कूल में मिलने वाले भोजन को आंकने के लिए एक खास तरह का मीटर बनाया था और वो उसकी स्वास्थ्य के मुताबिक रेटिंग करती थी। साथ ही उन्होंने भोजन के कितने निवाले खाए उसकी गिनती भी करती थी।
प्रतिबंध
मार्था का ब्लॉग लिखने का मकसद मेरी मिलि्स चैरटी के लिए पैसा इकट्ठा करना था। लेकिन गुरुवार को छपे ब्लॉग में मार्था ने लिखा कि उनकी एक हेड टीचर ने उन्हें अपने ब्लॉग के लिए फोटो लेने से इनकार किया है।
इस ब्लॉग की हेडलाइन 'गुडबॉय' थी और आगे लिखा था, ''आज सुबह मेरी गणित की क्लॉस के दौरान मुझे हेडटीचर अपने ऑफिस में ले गई.'' ''मुझे ये कहा गया कि मैं आगे से अपने स्कूल डिनर की फोटो नहीं ले सकती हूं क्योंकि अख़बार में इस पर हेडलाइन आई है.''
काउंसिल का इस ब्लॉग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला एक डेली रिकॉर्ड अख़बार में मार्था की एक शेफ निक नैर्न के साथ तस्वीर छपने के बाद लिया गया था इस तस्वीर पर हेडलाइन थी ''टाइम टू फायर डिनर लैडिज़''
नाखुश
बीबीसी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए पेयन ने बताया कि उनकी बेटी मार्थी काउंसिल के फैसले से खुश नहीं है। उनका कहना था, ''मैं समझ सकता हूं कि दुनिया भर और मीडिया में ली जा रही रुची के दबाव के चलते ये फैसला लिया गया है लेकिन ये हमारे नियंत्रण से बाहर है.''
पेयन का कहना था कि स्कूल ने इस ब्लॉग के लिए मार्था को प्रोत्साहित किया और हम इस स्कूल का समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की रसोई में सब लोग मार्था के साथ अच्छे से व्यवहार करते है और मार्था भी अपने भोजन का आनंद लेती है। शुक्रवार की सुबह काउंसिल के प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थी।
मकसद
स्कॉटलैंड शिक्षा सचिव ने ट्विट किया था कि वे काउंसिल के मुख्य प्रबंधक को अपनी क्षमता में लिखेंगें कि प्रतिबंध के इस मूर्ख फैसले को वापस लिया जाए। मार्था के ब्लॉग पर लगे प्रतिबंध को लेकर जो प्रचार हुआ है उसकी मदद से उन्होंने दान के लिए सात हज़ार पाउंड के लक्ष्य को आसानी से पार किया और शुक्रवार तक 30 हज़ार पाउंड जुटा लिए है।
'मेरी मिलि्स चैरिटी' की प्रवक्ता का कहना है, ''हम बेहद खुश हैं कि उसकी कोशिश को इतना समर्थन मिला,उसकी कोशिश की वजह से आज हमें कितने ही लोग ऑनलाइन के ज़रिए दान दे रहे हैं.'' पेयन ने इस प्रतिबंध के फैसले को वापस लिए जाने के बाद कहा कि वे अपनी बेटी के लिए काफी खुश हैं।
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