क़बायिली जातियों के लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था का दावा है कि काक्सीनावा जाति की मारिया लूसीमार परेरा के जन्म प्रमाण पत्र के मुताबिक उनका जन्म वर्ष 1890 में हुआ था। इसका मतलब ये कि परेरा दुनिया की सबसे बुज़ुर्ग महिला हो सकती हैं। लेकिन गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने बीबीसी को बताया कि परेरा के जन्म से जुड़ी कोई भी जानकारी उनके पास पंजीकृत नहीं है।
गिनीज़ बुक के डेमीयन फील्ड ने कहा, “अगर कोई हमें इस जानकारी को पुख़्ता करने के लिए दस्तावेज़ और प्रमाण ला कर दे तो हम इसके लिए बहुत रुचिकर होंगे.” गिनीज़ बुक के दस्तावेज़ों के मुताबिक 115 वर्षीय अमरीकी महिला' बेस्सी कूपर' दुनिया की सबसे बुज़ुर्ग महिला हैं।
दीर्घायु का राज़
सर्वाइवल इंटरनेश्नल के मुताबिक परेरा की लंबी उम्र का राज़ स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखना है – भुना हुआ मांस, बंदर, मछली , केले जैसे फल खाना और नमक, चीनी, प्रोसेस्ड खाने से परहेज़।
परेरा कभी किसी शहर में नहीं रहीं और सिर्फ अपनी कबायिली भाषा ही जानती है। काक्सीनावा जाति के लोग ब्राज़ील के पश्चिमी इलाकों और पेरू के पूर्वी हिस्से में बसे हुए हैं।
सर्वाइवल इंटरनैश्नल को परेरा की जाति के मुखिया ने बताया कि परेरा बेहद चुस्त रहती हैं, खूब पैदल चलती है और उन्हें बच्चों को कहानियां सुनाने का शौक है।
परेरा की तस्वीर तब ली गई जब सरकारी रेडियो के ज़रिए उन्हें नेशनल सोशल सिक्यूरिटी इन्सटीट्यूट यानि आईएनएसएस के स्थानीय दफ़्तर आने का निवेदन किया गया।
110 वर्ष की आयु पार करने पर ब्राज़ील के नागरिकों को आईएनएसएस (राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान) के स्थानीय दफ़्तर जाना पड़ता है ताकि वो अपनी पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकें।
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