कानपुर (ब्यूरो) डिफेंस कालोनी निवासी नाजिर फातिमा ने आठ नवंबर को एक मुकदमा थाना जाजमऊ में दर्ज कराया था, जिसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को आरोपी बनाया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मकान कब्जानेे, आगजनी, धमकी आदि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद से दोनों भाई फरार हैं। इस मुकदमे को मिलाकर विधायक के खिलाफ छह और रिजवान के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं। रिजवान सोलंकी 2017 से उन्नाव के गंगाघाट थाने में भूमाफिया चिन्हित हुआ था। 2017 में आरोपी पर धोखाधड़ी और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत उन्नाव के गंगा घाट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इससे पहले उन्नाव के ही अचलगंज थाना क्षेत्र में उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, जानमाल की धमकी, बलवा, मारपीट समेत अन्य संगीन धाराओं का मुकदमा दर्ज है। वहीं विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ वर्ष 2017 में कर्नलगंज थाना क्षेत्र में निर्वाचन में असर डालना या प्रतिरुपण, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने के लिए किसी व्यक्ति के आचरण के संबंध में टिप्पणी करने की धाराओं का मुकदमा दर्ज है। 2020 में चमनगंज में लॉकडाउन या सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, जानबूझकर सार्वजनिक स्थान पर लापरवाही से गाड़ी चलाने, गंभीर बीमारी फैलाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी तरह अनवरगंज में एक समर्थक के वाहन चालान के बाद विधायक पुलिस से भिड़ गए थे, जिसमें उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

परिवार में आठ शस्त्र लाइसेंस
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक विधायक इरफान सोलंकी ने 2003 में रिवाल्वर, 2004 में रायफल और 2005 में लाइसेंसी दोनाली बंदूक खरीदी, जबकि रिजवान ने 2005 में रिवाल्वर और 2006 में लाइसेंसी रायफल खरीदी। इसके अलावा विधायक की पत्नी नसीम सोलंकी के नाम 2006 में रिवाल्वर और भाइयों इमरान सोलंकी व फरहान सोलंकी के नाम 2011 में रिवाल्वर खरीदी गई।

मुकदमों के बाद भी नवीनीकरण
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक विधायक और उनके भाई रिजवान के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हैं। ऐसे में उनके शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हुआ। हर बार थाने से गलत आख्या लगाकर उनके लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया गया। हालांकि इनके लाइसेंस का आखिरी बार वर्ष 2020 में नवीनीकरण हुआ था।

मामला गंभीर है। इस पर जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
-आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त