मैनचेस्टर सिटी और मैनचेस्टर यूनाइटेड दोनों ही टीमें रविवार के मैच से पहले 86 अंकों के साथ बराबरी पर थीं मगर गोल अंतर के आधार पर सिटी को यूनाइटेड पर बढ़त थी। दोनों टीमों के बीच ये अंतर आठ गोलों का था।
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने संडरलैंड को 1-0 से हराकर तीन अंक अपने नाम कर लिए थे मगर उनके खिताब जीतने के लिए जरूरी था सिटी का ड्रॉ खेलना या फिर उसकी हार। मैनचेस्टर सिटी अतिरिक्त समय से पहले 2-1 से पीछे चल रही थी और उसे खिताब जीतने के लिए जरूरी था उस अतिरिक्त समय में दो गोल करना। उधर यूनाइटेड की टीम संडरलैंड को 1-0 से हरा चुकी थी यानी अगर सिटी वो दो गोल नहीं करती तो खिताब उसके हाथ से गया था।
मैनचेस्टर यूनाइटेड की ओर से संडरलैंड के विरुद्ध मैच में वेन रूनी ने गोल किया था और अंतिम समय तक लग रहा था कि खिताब यूनाइटेड की ओर जा रहा है मगर अंतिम मिनटों में पासा पलट गया। मैनचेस्टर सिटी की ओर से मैच का पहला गोल 39वें मिनट में हुआ था जबकि पाब्लो जाबालेटा ने गोल किया मगर 48वें मिनट में जिबरील सिसी ने बराबरी को गोल ठोंक दिया।
'अविश्वसनीय जीत'
इसके बाद क्वींस पार्क रेंजर्स यानी क्यूपीआर की ओर से जोई बर्टन को कार्लोस तेवेज के साथ भिड़ जाने की वजह से मैच से बाहर कर दिया गया मगर 10 खिलाड़ियों के साथ ही क्यूपीआर की ओर से जेमी मैके ने 66वें मिनट में टीम को बढ़त दिला दी।
इस तरह 1-2 से पिछड़ रही मैनचेस्टर सिटी के मैदान में मौजूद प्रशंसकों में से बड़ी तादाद में लोग आँसुओं में थे और वे मान बैठे थे कि वहाँ से दो गोल करके मैच जीतना शायद संभव न हो। मगर एडिन जेको और सर्गियो अगुएरो टीम के हीरो साबित हुए और ये गोल होते ही हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गई। दर्शक अपनी सीटों पर उछलने लगे और एक दूसरे को चूमने लगे।
उधर कोच रॉबर्टो मैनचिनी भी खुशी से भागते दिखे। जीत के बाद मैनचिनी ने कहा, "इस तरह की जीत अविश्वसनीय है। मैंने इस तरह अंतिम मौके पर खिताबी जीत नहीं देखी है। 44 साल बाद मिली ये जीत मैं अपने सभी समर्थकों को समर्पित करता हूँ." वेस्ट ब्रॉमिच को 3-2 से हराकर आर्सनल की टीम तीसरे स्थान पर रही।
संवाददाताओं का कहना है कि दो दशक के लीग के इतिहास में ये सबसे रोचक सीज़न था जहाँ नौ महीने के उतार-चढ़ाव के बाद अंतिम कुछ मिनटों में ही ये फैसला हो सका कि खिताब का विजेता कौन होगा।
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