नार्वे के पुलिस के अनुसार 32 वर्षीय ब्रेविक ने दोनों हमले करने की ज़िम्मेदारी कबूल कर ली है। ब्रेविक ने इन हमलों को ‘नृशंस किंतु ज़रुरी’ करार दिया था। पुलिस का कहना है कि ब्रेविक ने अकेले यह काम किया है और हमलों से पहले ब्रेविक ने एक पर्चा तैयार किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बहु-संस्कृतिवाद के कारण यूरोप का राष्ट्रीय स्वाभिमान खत्म हो रहा है जिससे यूरोप का इस्लामी औपनिवेशीकरण हो रहा है।

शुक्रवार को किए गए इन हमलों में कम से कम 93 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। अभी यह साफ नहीं है कि जब ब्रेविक को अदालत में पेश किया जाएगा तो यह सुनवाई सार्वजनिक होगी या नहीं। ब्रेविक का कहना है कि वो अपनी बात कोर्ट में रखेंगे। उनकी सुनवाई को सार्वजनिक करने के बारे में जज फै़सला करेंगे।

ब्रेविक ने न केवल नार्वे की राजधानी ओस्लो में कार बम धमाका किया था बल्कि इस धमाके के बाद वो ओस्लो से थोड़ी दूर एक द्वीप पर गए जहां उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलाकर कम से कम 86 लोगों को मार डाला।

इस बीच रविवार को पूरे देश में अलग अलग स्थानों पर गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएं हुई हैं और मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई है। इन प्रार्थना सभाओं में नार्वे के राजा किंग हराल्ड V, रानी सोनजा और प्रधानमंत्री जेन्स स्टोलटनबर्ग ने हिस्सा लिया है और फूल अर्पित किए हैं।

प्रधानमंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दो दिनों से वो दुःख, गुस्से और सदमे में हैं। श्रद्धांजलि सभा के दौरान सैकड़ों लोगों को रोता हआ देखा जा सकता था।

जांच कार्य

धीरे धीरे संदिग्ध हमलावर एंडर्स को पकड़ने में पुलिस को लगे समय के बारे में और जानकारियां सामने आ रही हैं। स्थानीय पुलिस ने कहा है कि ओस्लो से द्वीप पर जान के लिए उनके पास जो नाव थी उसमें लीक था जिसके कारण उन्होंने विशेष यूनिट का इंतज़ार किया ताकि सुरक्षाकर्मी और उपकरण लेकर द्वीप पर पहुंचा जाए।

यह पूछे जाने पर कि हमलावर को पकड़ने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया तो पुलिस प्रमुख स्वेनंग स्पॉनहाइम का कहना था कि हेलीकॉप्टर मंगवाने में भी काफी समय लगता क्योंकि हेलीकॉप्टर देश के दक्षिणी हिस्से से मंगवाना पड़ता।

इस बीच पुलिस ने रविवार को कई लोगों को हिरासत में लिया लेकिन फिर पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

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