गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिकों का अब भी सिर्त और बनी वलीद शहरों पर नियंत्रण है। पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं की ओर से हज़ारों गाड़ियाँ शहर की ओर बढ़ रही हैं और शहर के बीच में पहुँचने की कोशिश कर रही हैं। हज़ारों आम नागरिक पहले ही सिर्त शहर से पलायन कर चुके हैं मगर अब भी तमाम लोग वहाँ फँसे हुए हैं।
सिर्त के बाहरी इलाकों में मौजूद बीबीसी संवाददाता जॉनथन हेड का कहना है कि ये सिर्त पर अब तक का सबसे बड़ा हमला है। संवाददाता का कहना है कि टैंक और मो़र्टार लगातार सिर्त को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं और पूरे शहर पर काले धुँए का गुबार छाया हुआ है। कई भवनों में आग लगी हुई है और वो धूँ-धूँ कर जल रहे है। ऐसा लगता है कि ये शहर पर कब्ज़े का आख़िरी प्रयास है।
कब्ज़े का आख़िरी प्रयास
अंतरिम सरकार के सैनिक पश्चिम में मिसराता और पूर्व में बेनगाज़ी की ओर से सिर्त की ओर बढ़ रहे हैं। बेनगाज़ी से आ रही सेना सिर्त से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर हैं लेकिन उन्हें आगे बढ़ने में शहर के भीतर से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
ये हमला कर्नल गद्दाफ़ी की उस अपील के चंद घंटों बाद हुआ है जिसमें उन्होंने एक बार फिर लीबिया के लोगों को लाखों की तादाद में सड़कों पर उतर कर अंतरिम सरकार के सैनिकों से लोहा लेने को कहा था।
बृहस्पतिवार को कर्नल गद्दाफ़ी ने ऑडियो संदेश जारी किया था। इस संदेश को दमिश्क के एक टीवी चैनल ने प्रसारित किया था। संदेश में गद्दाफ़ी ने अंतरिम सरकार को मान्यता देने वाले विकासशील देशों को भी चेतावनी देते हुए कहा था कि एक दिन ये सरकारें भी अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षेप का शिकार हो सकती हैं।
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