अगर कहा जाए कि जमैका संगीत की दुनिया का 'मक्का' है तो ग़लत नहीं होगा। जमैका मे आप कहीं भी जाए हर तरफ़ संगीत ही संगीत सुनाई देता है।

अधिकारियों ने हाल ही में पूरे जमैका में संगीत पर एक तरह का कर्फ़्यू लगा दिया है लेकिन उसको हटाने के लिए हर तरफ़ से ज़ोरदार प्रयास किए जा रहें हैं। लेकिन आख़िर ऐसा क्या है जमैका में कि वहां सबसे ज़्यादा शोर मचता है।

मैंने अपने होटल के एक स्टाफ़ को जैसे ही कहा कि मैं उसका गाना सुनना चाहता हूं, उसके चेहरे पर आई मुस्कान देखने लायक़ थी। मैं नाश्ता कर ही रहा था कि होटल के वेटर ने भी गाना गाना शुरू कर दिया। वे दोनों इस तरह गा रहे थे जैसे किसी बड़े निर्माता के सामने ऑडिशन के लिए आए हों। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था कि मैं एक सैलानी था।

संगीत ही संगीत

राजधानी किंग्सटन में अगर आप रेडियो टैक्सी के ज़रिए घूम रहें हों तो भी ड्राइवर के रेडियो पर जो गाना बज रहा होगा उसकी आवाज़ कभी भी 10-11 से कम नहीं होगी।

दुनिया के किसी भी दूसरे शहर में गाड़ी में बैठे पर्यटक को अगर ड्राइवर या दूसरे पैसेंजर के इयरफ़ोन से रिसकर आवाज़ बाहर आ जाए तो शायद वो टैक्सी से उतर जाए लेकिन जमैका में इयरफ़ोन पहनने का कोई रिवाज ही नहीं है। और यही नहीं आधी रात क्या सुबह के दो बजे तक इसी तरह हर तरफ़ आप संगीत सुन सकते हैं।

हाल ही में जब वहां आए पर्यटकों ने अधिकारियों से भारी शोर की शिकायत की तब कहीं जाकर सरकार ने रिज़ॉर्ट्स के आस-पास सार्वजनिक तौर पर गाने बजाने पर रोक लगाने की कोशिश की।

जमैका में संगीत पर पाबंदी लगाने की पहले भी कोशिशें हुई हैं। कई वर्षों तक औपनिवेशिक अधिकारियों ने जमैका में ड्रम बजाने पर पाबंदी लगा दी क्योंकि उन्हें डर था कि जमैका के स्थानीय निवासी इसके ज़रिए सरकार के ख़िलाफ़ बग़ावत करने के लिए कोई ख़ुफ़िया संदेश भेज सकते हैं। लेकिन 1962 में स्वतंत्रता मिलने के बाद जमैका के सबसे जाने माने ड्रमर 'काउंट औसी ग्रुप' को सरकारी समारोहों में संगीत पेश करने के लिए कहा जाने लगा।

सामाजिक सरोकारJamaica music

उस समय तक तो संगीत जमैका की सभ्यता और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका था। जमैका के संगीतकारों ने केवल वहां के इतिहास को ही नहीं लिखा बल्कि अपने संगीत से उन्होंने वहां के समाज को भी बदलने की कोशिश की है।

आज़ादी के 50 साल बाद भी जमैका में संगीत वहां के सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक ज़रिया है। जमैका में संगीत सारे देश में सुना जाता है लेकिन ट्रेंचटाउन जैसे छोटे शहर इसके लिए ख़ासतौर पर जाने जाते हैं जहां बनी लिविंगस्टोन जैसे संगीतकार पैदा हुए। लिविंगस्टोन ने बॉब मार्ले और पीटर टॉश के साथ मिलकर मशहूर बैंड 'द वेलर्'स बनाया था।

जमैका के ग़रीब लोगों के लिए संगीत उस ग़रीबी और मुश्किल ज़िदगी से बाहर निकलने का एक माध्यम बन गया है, वास्तविक रूप से ना सही, मानसिक रूप से ही सही।

बॉब मार्ले ने 1978 में वन लव पीस कॉन्सर्ट किया था जिसके ज़रिए उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बंदूक़धारियों के बीच सुलह करा दी थी लेकिन 1981 में मार्ले की मौत हो जाने के बाद जमैका की राजनीति और संगीत दोनों दुनिया में एक बड़ा ख़ालीपन पैदा हो गया था।

उनकी मौत के केवल तीन साल बाद ही समझौता टूट गया और दूसरे किसी संगीतकार का वो स्थान नहीं था कि वो शांति के लिए कोई क़दम उठा सके। बाद के संगीतकारों न उस शून्य को भरने की कोशिश ज़रूर की लेकिन वे उनके संगीत में ज्यादातर सेक्स और हिंसा की बात देखने को मिलती है।

जमैका के संगीत के कुछ भद्दे उदाहरण को छोड़ दें तो आपको शायद ही जमैका का कोई ऐसा नागरिक मिले जिसे अपने देश के संगीत पर गर्व नहीं होगा।

जमैका के इतिहासकार विव एडम्स कहते हैं, ''संगीत ने जमैका को दुनिया के मैप पर स्थान दिलाया है। संगीत के कारण जमैका को बहुत बड़ा स्थान मिल सका जबकि वास्तविकता में वो एक छोटा सा देश है.''

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