आई एक्सक्लूसिव

-हर साल 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है ऑनलाइन बिजनेस का कारोबार, 25 प्रतिशत तक रिटेल कारोबार हुआ प्रभावित

-ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपए का कर रहीं हैं बिजनेस

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KANPUR : ऑनलाइन बिजनेस से एक तरफ जहां लोगों को घर बैठे प्रोडक्ट मिल रहे हैं, लेकिन सरकार को हर महीने अरबों का घाटा हो रहा है। जिससे सरकार के माथे पर बल पड़ रहे हैं। सरकार को हो रहे इस नुकसान की भरपाई के लिए अब राजस्व ट्रेड टैक्स विभाग ने अपनी नजरें टेढ़ी कर दी हैं। दरअसल, ऑनलाइन बिजनेस से हर साल सूबे को 800 करोड़ रुपए की चपत लग रही है। अगर ऑनलाइन बिजनेस से प्रॉपर टैक्स मिले तो 800 करोड़ रुपए सलाना का राजस्व ट्रेड टैक्स विभाग को मिलेगा। ट्रेड टैक्स विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में रिटेल व्यापारियों को करीब 25 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

10 हजार करोड़ का बिजनेस

ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपए का बिजनेस कर रही हैं। ट्रेड टैक्स कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने यूपी में ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री की रिपोर्ट तैयार करवाई तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। ई-कॉमर्स कंपनियां यूपी में हर साल 10 हजार करोड़ रुपए का बिजनेस कर रही हैं, लेकिन उसके एवज में एक रुपए का भी टैक्स नहीं दे रही हैं। अगर, ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियों से टैक्स लिया जाए तो 800 करोड़ रुपए का साल का राजस्व प्राप्त होगा।

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17 प्रतिशत तक िगरा व्यापार

आनलाइन रिटेल कंपनियों ने फुटकर व्यापारियों की हालत खराब कर रखी है। मोबाइल फोन, मोबाइल फोन एस्सेरीज, रेडीमेड, खिलौने, फुटवियर और गिफ्ट आइटम से जुड़े व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उनकी बिक्री में 10 से 25 प्रतिशत तक गिरावट आई है। इसका बड़ा कारण है कि एक ही उत्पाद की कीमतों में भारी अंतर होता है। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां सीधे अनुबंध करती हैं। बीच में डिस्ट्रीब्यूटर, डीलर, फुटकर दुकानदार कोई नहीं होता है और उस पर टैक्स भी नहीं देते हैं। जिसकी वजह से सामान की कॉस्ट काफी कम हो जाती है। आलम ये है कि फुटकर व ऑनलाइन मार्केट में सामान के रेट में 20 से 50 प्रतिशत तक अंतर अा जाता है।

सर्विस टैक्स विभाग की भी नजर

ऑनलाइन बिजनेस पर सिर्फ ट्रेड टैक्स ही नहीं, बल्कि सर्विस टैक्स की भी नजर है। दरअसल, ऑनलाइन बिजनेस में सामान की सप्लाई थर्ड पार्टी के जरिए होती है, जो कि सर्विस टैक्स के दायरे में आती है। सर्विस टैक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक ऑनलाइन बिजनेस का काम 40 प्रतिशत की रफ्तार से हर साल बढ़ रहा है।

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अब देना होगा प्रवेश कर

ट्रेड टैक्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यूपी में प्रवेश कर लगाने की तैयारी चल रही है। 6 प्रतिशत की दर से इसे लागू किया जाएगा। इसका ऑनलाइन बिजनेस पर 12 प्रतिशत तक असर पड़ेगा। कंपनियां इसका बोझ आम लोगों के ऊपर डालेंगी और सामान थोड़ा महंगा हो जाएगा। ऑनलाइन बिजनेस से होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए 1 अप्रैल से गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्यप्रदेश में प्रवेश कर लगा भी दिया गया है। ऑनलाइन बिजनेस पर सख्ती करते हुए विभाग ने डिलीवरी के समय वैट का फॉर्म रखना अनिवार्य कर दिया है। फॉर्म-39 के साथ उत्पाद ले जा रहे खरीदारों को भी जांच के समय पूरी जानकारी विभाग को देनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो माल जब्त कर लिया जाएगा।

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ऑनलाइन बिजनेस से बड़ी संख्या में रिटेल कारोबारियों को नुकसान हुआ है। टैक्स चोरी को रोकने के लिए विभाग सख्त कदम उठा रहा है।

-मुकेश मेश्राम, कमिश्नर, ट्रेड टैक्स।