कानपुर(ब्यूरो)। सूबे के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ही ऐसा है जहां पर न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट है। न्यूरो सर्जरी को बढ़ाने के लिए यहां पर अलग न्यूरो साइंस सेंटर बनाया गया,लेकिन इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की सर्जरी में लगने वाले जरूरी इंप्लाट की उपलब्धता का यहां कोई इंतजाम नहीं किया गया। इन हालात में सर्जरी के लिए डॉक्टर्स खुद ही अपने स्तर पर इंप्लांट मंगवाते हैं। जिसका भुगतान मरीज के तीमारदार करते हैं। न्यूरो सर्जरी में लगने वाले इंप्लांट भी ऑर्थोपेडिक इंप्लांट की तरह काफी महंगे होते हैैं। ऐसे में इलाज कराने आए मरीजों की जेब पर भी बढ़ा बोझ पड़ता है।
स्पाइन और ब्रेन सर्जरी में प्रयोग
आर्थोपेडिक इंप्लांट की तरह ही ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी में भी कई तरह के इंप्लांट,प्लेटों का यूज किया जाता है। स्पाइन की सर्जरी में कई तरह की प्लेटें और स्क्रू प्रयोग किए जाते हैं। जबकि ब्रेन सर्जरी में भी स्कल इंप्लांट लगाए जाते हैं। जिनकी कीमत हजारों में होती है,लेकिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इन्हें खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई। मालूम हो कि न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा एक्सीडेंटल पेशेंट भर्ती होते हैं।
स्टेबल रखते हैं हालत
थर्सडे तक ही न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में 100 के करीब पेशेंट का इलाज चल रहा था। कई मामलों में तो इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत पड़ती है, लेकिन इंप्लांट नहीं होने से इसमें भी देरी होती है। जिससे पेशेंट की परेशानी बढ़ती जाती है। ऐसे में डॉक्टर्स सिर्फ कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट कर मरीज की हालत स्टेबल रखने का प्रयास करते हैं। इंप्लांट का इंतजाम होने पर उसकी सर्जरी की जाती है।
बढ़ेगी सुविधाएं
न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ.मनीष सिंह बताते हैं कि पहले के मुकाबले अब काफी चीजों की उपलब्धता है। जल्द ही डेडिकेटेड न्यूरो सर्जरी का ओटी भी शुरू किया जाएगा। डिपार्टमेंट में अब काफी फैकल्टी भी है। इसके अलावा न्यूरो सर्जरी का अलग पीओपी वार्ड, आईसीयू और जनरल वार्ड हैं। ब्रेन और स्पाइन सर्जरी में लगने वाले इंप्लांट अभी नहीं आ रहे, लेकिन मरीजों को यह सस्ती दरों पर मिलें। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।