सूबे में औद्योगिक विकास की गति तेज करने की कवायद शुरू हो गई है। कानपुर में ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर किनारे लॉजिस्टक पार्क की स्थापना दो सौ एकड़ में होगी तो ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर किनारे के पांच-पंाच किमी। के दायरे में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना होगी। साथ ही यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे जापान और कोरिया के कॉरीडोर बनेंगे। जहां सिर्फ इन्हीं देशों के उद्यमी उद्योग लगाएंगे। ये बातें प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास संजीव सरन ने गंगा बैराज पर हाईटेक सिटी के शिलान्यास समारोह की तैयारियों के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से कहीं। उन्होंने कहा कि फ्रेट कॉरीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। 80 फीसद से अधिक भूमि का अधिग्रहण हो गया है। कानपुर में सरसौल, भाऊपुर के आसपास लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना दो सौ एकड़ में की जाएगी। कानपुर में ईस्टर्न कॉरीडोर के तीन स्टेशन बनेंगे। उद्योगों के दृष्टि से कानपुर और औरैया के बीच अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास सड़कों के निर्माण और अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास में विश्वबैंक आर्थिक मदद करेगा। कॉरीडोर की स्थापना के बाद बंदरगाहों तक माल ले जाने और ले आने में काफी आसानी हो जाएगी। लॉजिस्टक पार्क में आसपास के जिलों के उद्यमी माल उतार सकेंगे। उनके साथ यूपीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक मनोज सिंह, वित्त नियंत्रक सुशील कुमार व अन्य अफसर रहे।

प्लास्टिक सिटी में उद्यमियों को रियायत

औरैया के दिबियापुर में प्लास्टिक सिटी की स्थापना के लिए जल्द ही प्लाटों का आवंटन शुरू होगा। गेल और सीपेट से पहले ही अनुबंध हो चुका है। वहां उद्यमियों को रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी। साथ ही अन्य तरह के टैक्स में भी छूट दी जाएगी। सिंगल विंडो की स्थापना की जाएगी ताकि जो भी उद्यमियों के कार्य हैं वह समय से पूरे हों।

मॉडर्न सिटी का सपना होगा साकार

नीदरलैंड के सहयोग से गंगा बैराज पर केडीए मॉडर्न सिटी की स्थापना करेगी। इस सिटी का सपना जरूर साकार होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार तो गंभीर है ही नीदरलैंड सरकार भी रुचि ले रही है। 3 दिसंबर को नीदरलैंड के अफसरों के साथ हुई बैठक में इस सिटी की स्थापना के लिए सकारात्मक संकेत मिले हैं।