कानपुर (ब्यूरो) बाबा का भौकाल ऐसे ही नहीं बन गया। दूसरों की जमीनों पर कब्जा कर उन्हें आश्रम के नाम लिखवा लेना, बाबा का काम रहा है। काले सफारी सूट और काले चश्मे में रिटायर्ड फौजियों को बाबा स्नाइपर्स या एनएसजी यानी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडों बताता है। इन्हीं तथाकथित कमांडोंज की धमक से बाबा ने दरबार पर कब्जा किया। दरअसल ये लवकुश आश्रम भी एक ऐसे व्यक्ति का है जो बाबा का पहले बहुत करीबी था। बाबा ने भौकाल दिखाकर न सिर्फ आश्रम पर अपना मालिकाना हक बना लिया बल्कि उस व्यक्ति को अपना सेवक बना लिया। 20 साल पहले इस लवकुश आश्रम का मालिक आज बाबा का सेवक है।
नोटिस देकर करें पूछताछ
सूत्रों की मानें तो लगातार मीडिया की सुर्खियां बने बाबा के लवकुश आश्रम की जांच के आदेश शासन से आए हैैं, जिसकी जांच करने के लिए इंटेलीजेंस की टीम लवकुश आश्रम गई थी। हालांकि बाबा ने भी टीम से कहा कि वे नोटिस देकर कानूनी तरीके से पूछताछ करें। हमारे वकील सभी सवालों का जवाब देंगे।
ऑस्ट्रेलिया से आया दंपती
शनिवार को जब कई लोगों से बात की गई तो ज्यादातर लोग नेपाल, गुजरात, राजस्थान, नोएडा, महाराष्ट्र समेत तमाम दूसरे प्रदेशों के ही दिखाई दिए। सभी का यही कहना था कि वे कई सालों से आ रहे हैैं। बाबा के इलाज से उनके साथ आए पीडि़तों को राहत मिली है। असाध्य रोगों के रोगी भी मिले जिन्होंने बताया कि बाबा के इलाज से उन्हें बहुत आराम मिला है। ये सभी लोग बाबा का वीडियो देखकर कानपुर पहुंचे हैैं। लाखों रुपये खर्च कर आस्ट्रेलिया से भी एक दंपती लवकुश आश्रम पहुंचा। इस दरबार में स्थानीय लोगों की संख्या बहुत कम दिखाई दी। आसपास के लोगों ने बताया कि संतोष सिंह के काले कारनामे ज्यादातर लोग जानते हैैं। इस वजह से स्थानीय लोग कम आते हैैं।
अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग सेवादार
सीसीटीवी के जाल में बने लवकुश आश्रम के हर कोने में बाबा के सेवादार मौजूद हैैं। गाड़ी से उतरने के बाद आप पर सर्विलांस की नजर शुरू हो जाएगी। विदेशियों को अटेंड करने के लिए अलग सेवादार हैैं। नेपाल से आए लोगों के लिए अलग सेवादार हैैं। मीडिया कर्मियों को अटेंड करने के लिए अलग सेवादार हैैं। अधिकारियों को अटेंड करने के लिए अलग सेवादार हैैं। वहीं बाबा के पुराने दोस्त जिनकी दुकानों पर वे घंटों बैठते थे, उन्हें अटेंड करने के लिए अलग सेवादार हैैं। बाबा के एक पुराने दोस्त साउथ सिटी के बीजेपी के बड़े नेता के बेटे हैैं।