- नवाबगंज, अर्मापुर और पनकी थानाक्षेत्र में तीन लोगों ने फांसी लगाकर किया सुसाइड
- तनाव में अकेले रहने की बजाए परिवार या मित्रों के साथ अधिक पल गुजारें
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KANPUR : मामूली विवाद में लोग आपा खो रहे है और आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। सिटी में ऐसे केस तेजी से बढ़े हैं। लगभग हर रोज तीन लोग सुसाइड कर रहे है। वेडनेसडे को शहर में अलग-अलग स्थानों पर तीन लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नवाबगंज में किसान ने परिजनों से झगड़कर वहीं अर्मापुर और पनकी में भी युवक और अधेड़ ने परिजनों से विवाद के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना एक :
ऐसा रूठा की लटक गया फंदे पर
नवाबगंज के भोपालपुरवा निवासी देवीदीन का छोटा बेटा 25 साल का प्रेमलाल पिता और भाइयों के साथ खेती करता था। वह घर से कुछ ही दूरी पर खेतों में देखभाल करने के बाद वहीं पर सोता था। ट्यूजडे देर रात किसी बात को लेकर उसका परिजनों से झगड़ा हो गया। जिसके बाद वह खाना खाकर खेतों पर सोने की बात कहकर चला गया। देर रात उसने अमरूद के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह खेतों की ओर गए लोगों ने पेड़ से उसका शव फंदे पर लटकता देखकर परिजनों को सूचना दी। प्रेमपाल की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजा।
घटना दो
परिजनों से झगड़ा, दे दी जान
अर्मापुर इस्टेट निवासी वीरेंद्र का छोटा बेटा 20 साल का रचित कुमार पेटिंग करता था। परिवार में बड़ा भाई सोनू और मां मीनादेवी हैं। ट्यूजडे शाम किसी बात को लेकर रचित का परिजनों से कोई विवाद हो गया। जिसके बाद वह घर आया और खाना खाने के बाद देर रात कमरे में सोने चला गया। वेडनसडे सुबह काफी देर बाद भी जब वह सोकर नहीं उठा तो पिता उसे जगाने गए जहां कई बार खटखटाने के बाद दरवाजा नहीं खुला। परिजनों ने खिड़की से झाककर देखा तो तो रचित का शव पंखे के कुंडे से लटकता मिला।
घटना तीन :
वाइफ पर आया गुस्सा, दे दी जान
पनकी के बरगदियापुरवा निवासी 52 साल के चरन सिंह घर से कुछ दूर स्थित सुलभ शौचालय में संविदा पर केयर टेकर थे। परिवार में पत्नी सुमन और गोद ली हुई बेटी मानवी है। साले अरविंद ने बताया कि ट्यूजडे को किसी बात को लेकर चरन सिंह का पत्नी से विवाद हो गया था। जिसके बाद वह शाम को खाना खाकर सुलभ शौचालय चला गया और देर रात वहां पर कमरे में पंखे के कुंडे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह इलाकाई लोगों ने देखा तो पनकी पुलिस को सूचना दी। पत्नी और बेटी को मौत की सूचना मिली तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
गुस्सा आ रहा तो क्या करें
- नेगेटिविटी पर ध्यान न दें
- पॉजिटिव अप्रोच रखें
- डायरी में परेशानी लिखें
- तनाव हो तो मित्रों या परिजनों के साथ वक्त बिताएं
- म्यूजिक सुनें या किसी पिकनिक स्पॉट पर निकल जाएं
मनोचिकित्सक से काउंसििलंग कराएं
मनोवैज्ञानिक डॉ। विशेष गुप्ता कहते है कि अनियमित दिनचर्या और खानपान से लोगों में सहनशीलता कम हो रही है। सुसाइड की मनोवृत्ति भी एक बीमारी है। आत्मबल कमजोर होने और एक साथ कई क्षेत्रों जैसे परिवारिक, सोशल, पर्सनल और कैरियर का दबाव पड़ने पर अक्सर लोग डिप्रेशन होकर ऐसा कदम उठाते हैं। यदि एक महीने से लगातार थकान, सांसों का फूलना, नींद न आना, असमय डायबिटिज और गुस्सा आना और बार-बार मन में आत्महत्या का विचार आ रहा हो तो सावधान हो जायं। ये शरीर में केमिकल डिस बैलेंस का लक्षण है। खुद और परिवार का किसी मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग कराएं।