कानपुर (ब्यूरो) सजा सुनाए जाने से पहले अभियोजन और बचाव पक्ष में बहस हुई और दोनों ने अपनी बात रखी। जहां अभियोजन पक्ष ने दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील की। वहीं कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद मामले में मनीषा मनीजा के वकील ने कहा कि वह सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। क्योंकि, इस पूरे केस में मेरे क्लाइंट का वारदात से कोई सीधा संबंध नहीं था। फिर भी उसे इतनी सख्त सजा दी गई है।
फांसी देने की मांग की
हाई प्रोफाइल ज्योति हत्याकांड में सजा सुनाए जाने को लेकर पुलिस प्रशासन तक पूरी तरह मुस्तैद था। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया था। आम लोगों की एंट्री को रोक दिया गया था। अपर जिला जज अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में शुक्रवार को अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता दोपहर करीब 12 बजे कोर्ट पहुंचे। सजा के बिंदु पर पहले बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने की बात कही तो अभियोजन की ओर से रेयर ऑफ द रेयरेस्ट का तर्क देते हुए फांसी की सजा देने की मांग की।
लंच के बाद सुनाई सजा
दोपहर बाद करीब 1.22 पर दोषी और पीयूष की प्रेमिका मनीषा माखीजा को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। इसके बाद एक एक कर अन्य अभियुक्तों को लाया गया। कोर्ट ने लंच के बाद सभी की उपस्थिति के बाद सजा सुनाई। डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी ने बताया सभी को हत्या, साक्ष्य मिटाने और षडयंत्र का दोषी पाया गया था। आरोपी रेनू और सोनू के पास से चाकू बरामद हुआ था, इसलिए दोनों को आम्र्स एक्ट के तहत भी दोषी करार दिया गया था।
इविडेंस न मिलने पर तीन बरी
पुलिस को घटना की जानकारी न देने के आरोप में पीयूष की मां पूनम, भाई कमलेश और मुकेश श्यामदासानी को आईपीसी की धारा 202 के तहत आरोपित किया गया था लेकिन न्यायालय ने इविडेंस के अभाव में तीनों को गुरुवार को ही बरी कर दिया था।
बेटी के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा
दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद ज्योति के पिता शंकरलाल नागदेव की आंखों से आंसू छलक उठे। उन्होंने कहा कि दोषियों को मिली सजा से संतुष्ट हैं। मेरा न्यायपालिका पर हमेशा से भरोसा रहा है, आज बेटी के हत्यारों को सजा सुनाए जाने के बाद मेरा ये भरोसा और मजबूत हुआ है। सजा के खिलाफ दोषियों के हाईकोर्ट में अपील किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, मैं अंतिम सांस तक अपनी बेटी की लड़ाई लडूंगा। भले ही वह किसी भी कोर्ट में हो। जबकि ज्योति पक्ष के वकील ने फांसी देने की मांग की।
27 जुलाई 2014 को ज्योति की हत्या की गई थी
8 साल बाद कोर्ट ने मामले में सुनाया फैसला
10 आरोपी बनाए गए थे पुलिस की चार्जशीट में
6 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सुनाई सजा
3 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में किया बरी
1 आरोपी की ट्रायल के दौरान हो गई थी मौत
-पीयूष श्यामदासानी
-मनीषा मखीजा
-अवधेश चतुर्वेदी
-आशीष, रेनू व सोनू