लीबिया के 17 फ़ुटबॉल खिलाड़ी विद्रोहियों के साथ मिल गए हैं। इनमें राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के चार सदस्य भी शामिल हैं।
विद्रोहियों के प्रति समर्थन जताने वालों में गोलकीपर जूमा गटाट, त्रिपोली के शीर्ष क्लब अल-आहली के कोच अब्दल बिन इस्सा
शामिल हैं। बीबीसी से हुई बातचीत में गोलकीपर गटाट ने कर्नल मुआमर गद्दाफ़ी से अपील की है कि वे लीबियाई नागरिकों को एक स्वत्रंत देश बनाने दें।
गद्दाफ़ी को झटका
कुल 17 वर्तमान और पूर्व फ़ुटबॉल खिलाड़ी लीबिया के पश्चिमी पहाड़ों तक गए जहाँ विद्रोहियों का नियंत्रण है और वहाँ बीबीसी से हुई
बातचीत में विद्रोहियों को समर्थन देने की घोषणा की इससे पहले कई सरकारी और सैन्य अधिकारी विद्रोहियों से हाथ मिला चुके हैं।
लेकिन लीबिया में बीबीसी के संवाददाता का मार्क डॉयल का कहना है कि उत्तरी अफ़्रीका के लोग फ़ुटबॉल के दीवाने हैं इसलिए कहा जा
सकता है कि इन फ़ुटबॉल खिलाड़ियों का इस तरह से विद्रोहियों से साथ मिलना गद्दाफ़ी के ख़िलाफ़ प्रचार की दृष्टि से अहम है।
बीबीसी से गोलकीपर जूमा गटाट ने कहा, "मैं कर्नल गद्दाफ़ी से कहना चाहता हूँ कि हमें अकेला छोड़ दें और लीबियाई लोगों को एक
नए लीबिया में जीवन का आनंद उठाने दें."
हालांकि लोगों के लिए उनके प्रिय खिलाड़ियों की राय अहम है लेकिन कर्नल गद्दाफ़ी हमेशा कहते रहे हैं कि वे सत्ता छोड़ने के लिए वे
किसी के दबाव में नहीं आएँगे और विद्रोहियों को सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। एक ओर गद्दाफ़ी के पास बड़े और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार हैं लेकिन दूसरी ओर विद्रोहियों के पास सिर्फ़ राइफ़लें हैं और छोटी मशीन गनें।
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