-पीएम के अभियान कैच दि रेन को लेकर शहर में सभी वाटर बॉडीज की होगी जीआईएस मैपिंग
-नहरों, झीलों और तालाबों से हटेंगे अवैध कब्जे, स्वॉयल, वाटर स्टेटा के लिए बनेंगे साइंटिफिक प्लान
- 05 से 7 परसेंट तक हर साल वाटर लेवल रिचार्ज हो पाता है
- 9 गुना इससे तेजी से हर साल वाटर लेवल गिरता जा रहा है
KANPUR: कानपुर में वाटर लेवल दिनों-दिन गिरता जा रहा है। इसलिए अब हमें बारिश की हर बूंद सहेजनी होगी। कानपुर के जिला प्रशासन ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। बता दें कि वर्ल्ड वाटर डे के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के हर जिले में बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए अभियान 'कैच दि रेन' की शुरुआत की है। शासन से मिले निर्देशों के बाद कानपुर में भी 'कैच दि रेन' अभियान की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्री-मानसून में तैयारियों को लेकर वाटर बॉडीज की जीआईएस मैपिंग के लिए सर्वे किया जाएगा। इसके अलावा नहरों, झीलों और तालाबों को एक बार फिर अतिक्रमण मुक्त करने की प्लानिंग शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही ग्राउंड वाटर लेवल के साथ ही वाटर स्टेटा तैयार करने के लिए साइंटिफिक प्लान भी तैयार किया जा रहा है।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा
जल शक्ति अभियान-2021 की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही कानपुर में छोटी नदियों को भी पुर्नजीवित किया जाएगा। शहर में पांडु और रिंद नदी को प्रदूषित होने और रिचार्ज करने के लिए भी एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। डीएम आलोक तिवारी ने नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी और एडीएम फाइनेंस वीरेंद्र पांडेय को इस संबंध में सभी तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त ने वाटर बॉडीज की जीआईएस मैपिंग के लिए जलकल जीएम को जीआईएस मैपिंग के लिए निर्देश ि1दए हैं।
नहीं हो रहा वाटर रिचार्ज
कानपुर जिले में पानी का दोहन तेजी से किया जा रहा है, लेकिन दशकों से अब तक वाटर रिचार्ज सिर्फ कागजों में ही किया जा रहा है। लोगों के द्वारा वाटर रिचार्ज के लिए किए जाने वाले प्रयास सिर्फ .1 परसेंट ही है। वहीं सरकारी बिल्डिंग में भी वाटर रिचार्ज सिस्टम बेहद कम लगे हैं, जहां लगे वहां शोपीस बने हुए हैं। बारिश के पानी से ही हर साल एवरेज 5 से 7 परसेंट तक वाटर लेवल रिचार्ज हो पाता है और इससे 9 गुना तेजी से हर साल वाटर लेवल गिर रहा है।
बॉक्स
तेजी से प्रदूषित हो रहा पानी
पानी की कमी के साथ एक बड़ा कारण पानी का प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से ग्राउंड वाटर की पहली लेयर जिसे फर्स्ट स्टेटा भी कहते हैं वह 100 से 150 मीटर के बीच में होती है, जिसमें पीने योग्य पानी होता है, यह प्रदूषित होती जा रही है। इस वजह से पानी की क्वालिटी गिरने से चर्म रोग और अन्य रोग भी बढ़ते जा रहे हैं। सेकेंड स्टेटा 160 से 250 मीटर के बीच है, जिसमें खारा पानी है, जो पीने योग्य नहीं है। इसके बाद थर्ड और फोर्थ स्टेटा में पानी पीने योग्य है, लेकिन इस प्राप्त करने के लिए पाताल तक (450 मीटर) अंदर तक जाना होगा। बताते चले कि भूगर्भ जल विभाग 450 मीटर तक ही सर्वे कर पाया है।
वाटर लेवल गिरने के प्रमुख कारण
-शहर में सबमर्सिबल की संख्या में पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ी, इससे पानी का दोहन और बर्बादी तेजी से हो रही है।
-लोगों के द्वारा वाटर रिचार्ज करने के लिए प्रयास 1 परसेंट भी नहीं पहुंच पाया।
-तेजी से बिगड़ रहे मानसून की चाल भी ग्राउंड वाटर कम होने का बड़ा कारण।
-जमीनों को सीमेंटेड किए जाने से पानी जमीन के नीचे नहीं जा पा रहा है।
-शहर में कुल क्षेत्रफल का 3.3 परसेंट ही फारेस्ट एरिया बचा है, जो ग्राउंड वाटर लेवल कम होने का बड़ा कारण है।
प्रमुख आंकड़े
- 45 सेमी। हर साल शहरी क्षेत्र में गिर रहा कानपुर का जलस्तर
- 35 सेमी। हर साल ब्लॉक क्षेत्र में गिर रहा जलस्तर।
-20 सेमी। हर साल गिरावट हो रही प्री और पोस्ट मानसून में।
-25 मीटर से नीचे पहुंचा शहर के 20 इलाकों का जलस्तर।
भौगोलिक स्थिति
कानपुर का भौगोलिक क्षेत्र- 2,92581 हेक्टेअर
भूजल रिचार्ज- 50,067.48 हेक्टेअर मीटर
वार्षिक भूजल दोहन- 66600.54 हेक्टेअर मीटर
भूजल उपलब्धता- 102186.94 हेक्टेअर मीटर
भूजल दोहन की दर-84.53 परसेंट
20 मीटर से अधिक वाटर लेवल चिंताजनक
वाटर लेवल स्थलों के नाम
5 से 10 मीटर- पनकी, शकरापुर, हंसपुर, पहाड़पुर, नौबस्ता
10 से 15 मीटर- कल्याणपुर, आईआईटी, सूटरगंज, गुजैनी, आयुक्त कार्यालय, सिविल लाइंस, आवास विकास, हंसपुरम, चकेरी, गंगापुर, नवीन मार्केट, हमीरपुर रोड
15 से 20 मीटर- दलहन अनुसंधान केंद्र, कल्याणपुर, एचबीटीआई, नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट, गोपाल नगर, अहिरवां
20 से 25 मीटर- दीनदयाल नगर, श्याम नगर, जरौली, विजय नगर, काकादेव
25 मीटर से अधिक रावतपुर, यूपीएसआईडीसी, कालपी रोड, किदवई नगर, बांसमंडी, जूही डिपो, रतनलाल नगर, फजलगंज, बाबूपुरवा, हरजिंदरनगर, हीरामनपुरवा, हर्षनगर, किदवई नगर, गोविंद नगर, निराला नगर, साकेत नगर
पानी सप्लाई के सोर्सेज
1. गंगा नदी
2. अंडरग्राउंड वाटर
3. लोअर गंगा कैनाल
4. दादानगर नहर
शहर में पानी की सप्लाई की स्थिति
ट्यूबवेल की संख्या--- 50
जोनल पंपिंग स्टेशन की संख्या-- 38
हैंडपंप की संख्या---11,889
खराब हैंडपंप की संख्या---5,000