कानपुर (ब्यूरो): आईआईटी कैंपस के जंगल में तेंदुआ होने की पुष्टि हो गई है। चार दिन से कैम्पस में दहशत फैलाए तेंदुए की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। वह सेही(जानवर) का शिकार करता दिखाई दे रहा है। तेंदुआ दिखाई देने के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने सतर्कता बढ़ाते हुए फुट प्रिंट मिलने वाले स्थान में दो पिंजरे लगाए हैैं। वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव, मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक संजय श्रीवास्तव ने वन विभाग के अधिकारियों से तेंदुए की जानकारी ली।

वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकडऩे के लिए ङ्क्षपजरे लगाने के साथ लगातार निगरानी करने तथा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। थर्सडे को मुख्य वन संरक्षक केके ङ्क्षसह ने प्रभागीय वन अधिकारी दिव्या के साथ आईआईटी कैंपस का निरीक्षण किया। आईआईटी कैंपस में फ्राइडे नाइट तेंदुआ दिखाई दिया था। आईआईटी से सटे जंगल में तेंदुए के फुटप्रिंट भी मिले थे। फुटप्रिंट में तेंदुए की पुष्टि होने के बाद फारेस्ट डिपार्टमेंट ने कैमरा ट्रैप लगाए ताकि इसकी स्थिति का अंदाजा हो सके। वेडनसडे नाइट आईआईटी कैंपस में तेंदुआ सेही का शिकार करते हुए कैमरे में देखा गया।

जल्द मिलेगी सफलता
प्रभागीय वन अधिकारी दिव्या ने बताया कि जिस स्थान पर तेंदुआ दिखाई दिया है, वहां ङ्क्षपजड़े लगाए गए हैं। पिजड़ों को घास-फूस से ढंक दिया गया है। टीम तेंदुए को पकडऩे का प्रयास कर रही है। इसमें जल्द सफलता मिलने की उम्मीद है। मुख्य वन संरक्षक केके ङ्क्षसह ने लोगों से सतर्कता बरतने, अकेले न निकलने तथा जमीन पर उकड़ू न बैठने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति अगर उकड़ू बैठता है तो तेंदुआ जानवर समझ उस पर हमला कर सकता है।

जू से भी गए डाक्टर
तेंदुए की फोटो कैमरे में कैद होने के बाद थर्सडे को जू के डाक्टर भी आईआईटी पहुंचे। डॉ। नासिर ने बताया कि पिंजड़े को लगाया गया। इस बार कोशिश है कि वह किसी अन्य स्थान पर न जाए और यहीं पर पकड़ लिया जाए।