कानपुर (ब्यूरो)। लेदर इंडस्ट्री में चाइना की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। वहीं इंडिया का लेदर बिजनेस लगातार ग्रो कर रहा है। साल 2030 तक इंडिया की लेदर इंडस्ट्री का कारोबार ढाई लाख करोड़ करने का लक्ष्य कारोबारियों ने रखा है। आगरा में आयोजित लेदर फेयर में सिटी से लेदर इंडस्ट्री के 200 बिजनेसमैन ने प्रतिभाग किया था। यहां नई तरह के फुटवियर बनाने की दिशा में सहमति बनी है।
शेयर की अपनीं जरूरतें
आगरा एट मीट में आयोजित फेयर में 35 देशों के लेदर इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी शामिल हुए थे। इन कारोबारियों के साथ ही सिटी के कारोबारियों ने उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण करार किए हैं। शू मैन्यूफैक्चरिंग में श्रेष्ठ मानी जाने वाली इटेलियन कंपनियों ने भारत के जूता निर्माताओं से अपनी आवश्यकताएं साझा की। लेदर कारोबारियों ने फेयर में कंप्यूटराइज्ड कङ्क्षटग मशीनों के साथ ही नई टेक्नोलाजी और कलर के संबंध में जानकारी ली। कारोबार को बढ़ाने के लिए सिटी के कारोबारी अगले साल जनवरी में इटली के गारदा में आयोजित होने वाली दुनिया के सबसे बड़े शूज फेयर में प्रतिभाग करेंगे।
कारोबारियों ने इनके दिए आर्डर
सिटी से पहुंचे कारोबारियों ने आगरा फेयर में लेदर गुड्स, राइङ्क्षडग प्रोडक्ट, सोल, फिङ्क्षटग्स, जिप और कंङ्क्षटग मशीन के आर्डर दिए हैं। लेदर कारोबारियों ने बताया कि अभी तक कङ्क्षटग का काम मैन्युअली किया जाता था, लेकिन अब कंप्यूटरीकृत कङ्क्षटग होने से कारोबारियों को फायदा मिलेगा। शूज इंडस्ट्री में तकनीक के प्रयोग से उत्पादन और क्वालिटी दोनों बेहतर होंगे।
विदेशी कंपनियों से हुआ करार
चमड़ा क्षेत्र कौशल परिषद के अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने बताया कि आगरा में आयोजित फेयर में कारोबारियों ने रा मैटेरियल खरीदने के साथ ही विदेशी कंपनियों से कई करार किए हैं। जूते के बड़े ब्रांड देश में तैयार हो रहे हैं। लेदर के साथ ही स्पोट््र्स शूज की मांग बढ़ी है। चाइना के ब्रांड को आईएसआई मार्क नहीं मिल सकता, लेकिन भारत सरकार ने जूतों को भी आईएसआई मार्क में लाया है। इससे लेदर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अभी देश में लेदर इंडस्ट्री का कारोबार एक लाख करोड़ है, इसे बढ़ाकर 2030 तक ढाई लाख करोड़ करने का लक्ष्य है।
35 देशों के लेदर कारोबारी फेयर में शामिल हुए
200 लेदर कारेाबारी कानपुर से पहुंचे फेयर में
01 लाख करोड़ का है लेदर इंडस्ट्री का बिजनेस
2.5 लाख करोड़ करने का टारगेट है 2030 तक
40 हजार करोड़ का इम्पोर्ट हर साल कानपुर से