- दिव्यांग बेटी का मर्डर करने के बाद खुद फांसी लगा कर किया सुसाइड

- बेटी की गंभीर बीमारी को लेकर हर वक्त तनाव में रहती थी मां प्रिया

kanpur : पांच वर्षो से दिव्यांग बेटी को दर्द से तड़पते देखना एक मां के लिए आसान नहीं था। बेटी अपने पैर पर चल सके इसके लिए जहां जिसने बताया वहां इलाज भी कराया, लेकिन वह चल नहीं सकी। फ्राइडे शाम को वह रोज की तरह बेटी को पढ़ाने के लिए कमरे में गई। बेटी को दर्द से तड़पते देखा तो दवा भी दी लेकिन कोई आराम नहीं मिला। किसी तरह बच्ची को चुप कराया और उसे सुला दिया। अचानक ह्रदृय कठोर हो गया और बेटी को हमेशा के लिए मौत की नींद सुलाने का डिसीजन ले लिया।

बेटी का दर्द नहीं बर्दाश्त

नौ महीने तक गर्भ में रखने के बाद एक मां ने अचानक बहुत बड़ा फैसला ले लिया। सोचा कि बेटी के बड़े होने के साथ ही दर्द बढ़ेगा। इसे दर्द से निजात दिला दी जाए। बस कांपते हाथ बेटी के गले तक पहुंच गए। गले पर दबाव कुछ इतना ज्यादा हो गया कि बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की डेड बॉडी को देख उससे सहा न गया और खुद भी फांसी लगा कर जान दे दी।

बर्रा चार में हुई वारदात

ये ह्रदृयविदारक घटना बर्रा चार में हुई। बर्रा चार निवासी विकास सिंह एक टायर कंपनी में काम करते हैं। परिवार में मां सरोज, पिता शशि सिंह, बड़ा भाई अविनाश, 30 साल की पत्‍‌नी प्रिया सिंह और पांच साल की बेटी अनन्या थी। आसपास के लोगों ने बताया कि अनन्या जन्म से दिव्यांग थी। जिसका काफी समय से इलाज चल रहा था, लेकिन फायदा नहीं था। इसे लेकर प्रिया काफी तनाव में रहती थी। फ्राइडे को विकास ड्यूटी से आये थे। रात में प्रीति बेटी को पढ़ाने की बात कहकर मकान की दूसरी मंजिल के कमरे में चली गई। जहां उसने बेटी अनन्या का गला घोंटकर हत्या की और बाद में खुद भी फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। सैटरडे तड़के घरवालों को जानकारी हुई तो दोनों को नौबस्ता के एक नर्सिंगहोम ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

नहीं कराया पोस्टमार्टम

सीओ गोविंद नगर विकास पांडेय ने बताया कि सूचना पर फोर्स गया था। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी देने के बाद पंचायतनामा की कार्रवाई की गई है। उसके बाद दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।